मोदी ने पुस्तक में लिखा कि दलितों को सफाई करने में आनन्द मिलता है-राहुल गांधी

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 09 अगस्त 2018, 4:56 PM (IST)

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने एक किताब में लिखा था कि ‘दलितों को सफाई करने में आनंद मिलता है।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस न्यायाधीश को दोबारा नौकरी देकर सरकार की दलित विरोधी मानसिकता पर मुहर लगा दी जिन्होंने दलितों के खिलाफ अत्याचार को रोकने के प्रावधान वाले अधिनियम को कमजोर करने के आदेश पारित किए थे।

राहुल ने कहा कि केंद्र और राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारों के दिल में दलितों के लिए कोई जगह नहीं है। राहुल ने कहा कि अगर मोदीजी के दिल में दलितों के लिए जगह होती, तब दलितों के लिए बनाई गई नीतियां अलग होतीं। कांग्रेस नेता यहां जंतर मंतर पर दलितों और जनजातीय समुदाय द्वारा आयोजित एक प्रदर्शन रैली को संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह उनकी (मोदीजी) विचारधारा है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम को कांग्रेस सरकार लाई थी, जब उनके पिता राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे।

न्यायमूर्ति गोयल और न्यायमूर्ति यू.यू. ललित ने 20 मार्च को अपने आदेश में इस अधिनियम के राजनीतिक या निजी कारणों के लिए दुरुपयोग करने का हवाला दिया था। दोनों न्यायाधीश ने अधिनियम के प्रावधान को हल्का करने का आदेश दिया था और कहा था कि आगे से इस अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज होने पर गिरफ्तारी से पहले से प्रारंभिक जांच करनी होगी और अग्रिम जमानत भी दी जा सकेगी।

दलितों ने इस आदेश का व्यापक विरोध किया। न्यायमूर्ति गोयल 6 जुलाई को सर्वोच्च न्यायलय से सेवानिवृत्त हुए और उसी दिन उन्हें एनजीटी का चेयरमैन बनाया गया। सरकार ने हालांकि 1989 के अधिनियम में संशोधन किया, जिसके अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पलट दिया गया और आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधानों को बहाल कर दिया गया। यह संशोधन लोकसभा में मंगलवार को पास हुआ। राहुल ने अपने भाषण में कहा कि यह देश में दलितों के हितों की रक्षा के लिए काफी नहीं है।



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इस्लामाबाद। यहां की एक जवाबदेही अदालत ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को उनके और उनके परिजनों के विरुद्ध लंबित भ्रष्टाचार के दो मामलों में 13 अगस्त को पेश होने के लिए कहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा इस मामले को जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद बशीर से स्थानांतरित कर न्यायाधीश अरशद मलिक के पास भेजने के बाद, अल अजीजिया और फ्लैगशिप इंवेस्टमेंट भ्रष्टाचार के मामले में यह पहली सुनवाई है।

शरीफ के विरुद्ध मामला 14 सितंबर 2017 को शुरू हुआ था। पनामागेट मामले में फैसले के बाद सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर पाकिस्तान की जवाबदेही अदालत ने फ्लैगशिप इंवेस्टमेंट लिमिटेड समेत एवनफिल्ड, अल-अजीजिया स्टील मिल्स, हिल मेटल प्रतिष्ठान मामले में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था।

जवाबदेही अदालत के अधिकारियों ने गुरुवार को अदालत से कहा कि शरीफ को सुरक्षा कारणों की वजह से अदालत के समक्ष पेश नहीं किया जा सकता। अदालत ने इसके बाद अभियोजन पक्ष को शरीफ, पनामागेट संयुक्त जांच टीम के प्रमुख और अभियोजन पक्ष के मुख्य गवाह वाजिद जिया को सुनवाई के लिए 13 अगस्त को पेश होने के लिए कहा।


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