मेरठ। उत्तरप्रदेश के मेरठ में कांवड झांकी देखने को लेकर जातीय हिंसा भडक़ उठी। यहां पर दो समुदाय आपस में भिड़ गए। सुत्रों के मुताबिक, कांवड झांकी देखने के दौरान यहां पर दो समुदाय दलित और सवर्ण में तनातनी हो गई। इस विवाद में 19 साल के एक दलित युवक रोहित की मौके पर ही मौत हो गई, और आठ लोग घायल हो गए है। लाठी, डंडे और ईटों से जमकर दोनो ओर से प्रहार हुए। इस दौरान आधा दर्जन लोग
घायल हुए जिनमें कुछ महिलाऐं भी शामिल है।
सुत्रों के मुताबिक, मेरठ के एक गांव में कांवड़ देखकर लौट रही दलित लड़कियों से सवर्ण युवकों ने छेड़छाड़ की। लड़कियों की शिकायत पर दलितों ने जब विरोध जताया तो सवर्णो ने जातिगत टिप्पणी के साथ हाथापाई शुरू कर दी। पथराव और संघर्ष में 19 साल के दलित छात्र रोहित की मौत हो गई और करीब 8 लोग घायल हुए हैं। शव को अंबेडकर चौपला पर रखकर दलितों ने घंटों पुलिस के खिलाफ हंगामा किया। पुलिस ने इस मामले में 4 अराजकों की भी गिरफ्तारी की है। पुलिस का कहना है कि केस दर्ज करके माहौल खराब करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही लड़कियों से छेड़छाड़ के आरोपियों को भी जेल भेजा जाएगा।
ऐसे शुरू हुई दोनो पक्षों के बीच हिंसा...
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ऐसे शुरू हुई दोनो पक्षों के बीच हिंसा...
मेरठ का उल्देपुर
गांव थाना इंचौली क्षेत्र में आता है। मेरठ-पौड़ी हाइवे पर गुजर रही
कांवड़ों को देखने के लिए गांव की कुछ दलित परिवारों की लड़कियां हाइवे पर
गई थी। वह जब गांव लौट रही थी तो गांव के ही सवर्ण लड़कों ने उनके साथ
छेड़छाड़ की, छींटाकशी की। लड़कियों ने अपने घर जाकर परिजनों को छेड़छाड़
की बात कह सुनाई।
दलित परिवारों ने अपनी बेटियों की आपबीती जब उन
परिवारों को बताई जिनके लड़कों ने बेटियों से छेड़छाड़ की थी तो वह लड़ने
को आमादा हो गए। दलितों के साथ आपत्तिजनक भाषा में टिप्पणियां की गई तो
दोनो पक्षों में बबाल शुरू हो गया। लाठी, डंडे और ईटों से जमकर दोनो ओर से
प्रहार हुए। इस दौरान आधा दर्जन लोग घायल हुए जिनमें कुछ महिलाऐं भी शामिल
है।
पथराव में एक ईट 19 साल के दलित छात्र रोहित को भी लगी और उसकी मौके पर
ही मौत हो गई। इसके बाद दलित पक्ष ने रोहित के शव को गांव के अंबेडकर
चौपला में रखकर करीब 4 घंटों तक हंगामा किया।
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