जयपुर । केन्द्रीय वस्त्र राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा है कि ताना-बाना
गांव, व्यक्ति, राज्य, देश-दुनिया को जोड़ने के साथ ही परंपरागत रुप से
संपत्ति, उन्नति और तारतम्य का माध्यम रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने
परंपरागत हैंडलूम के संरक्षण, संवद्र्धन और देश दुनिया में पहचान के लिए
बुनकरों को आधुनिक डिजाइन, बाजार की मांग के अनुसार उत्पाद तैयार करने,
उन्हें आधुनिक तकनीक से जोड़ने, सामाजिक सरोकारों को ध्यान मेें रखते हुए
बुनकरों के बच्चों के शिक्षण-प्रशिक्षण, सामाजिक सुरक्षा बीमा और
अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में समग्र प्रयास किए हैं।
केन्द्रीय
कपड़ा राज्य मंत्री टम्टा जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय
हैंडलूम दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय बुनकर पुरस्कार वितरण
समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी की पहल पर 2015 से 7 अगस्त को स्वदेश आंदोलन के दिन को हैण्डलूम दिवस
के रुप में मनाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि इससे पहले चैन्नई, वाराणसी और गोहाटी में राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस का आयोजन किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि बनारस में आयोजित समारोह के दौरान बुनकरों के हित में
पांच एमओयू कर बुनकरों के बच्चों के शिक्षण-प्रशिक्षण, डिजाइनरों के साथ
सीधे संवाद और मार्केटिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया कि
पूरे देश का बुनकरों का डाटा तैयार कर पहचान पत्र जारी किए गए हैं। 21 ई
कॉमर्श इकाइयों से जोडा गया है। 80 रुपये में दोनों बीमा योजनाओं से
लाभान्वित किया जा रहा है और लूम अपग्रेडेशन के लिए 90 प्रतिशत अनुदान सहित
बुनकरों को अनुदानित दर पर ऋण सुविधा दी जा रही हैं। इस अवसर पर पांच
हैंडलूम डिजाइनों पर डाक टिकट भी जारी किए गए।
राजस्थान
के उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने बुनकरो के
हुनर की चर्चा करते हुए कहा कि हाथों के जरिए सौंदर्य बुनते हैं देश के
बुनकर। उन्होंने कहा कि सभ्यता और हैंडलूम की यात्रा साथ साथ चली है। लोगों
को सभ्य बनाने में हैंडलूम की प्रमुख भूमिका रही है।
उन्होंने राजस्थानी
हैंडलूम खासतौर से कोटा डोरिया, बगरु, सांगानेरी, बाडमेरी और प्रदेश के
लहरियां, पट्टू, दरी, खेस आदि हैंडलूम की चर्चा करते हुए कहा कि कला, रंग
संयोजन और डिजाइन के कारण इनकी दुनियाभर में मांग है।
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विकास
आयुक्त हैंडलूम संजय रस्तोगी ने स्वागत करते हुए बताया कि देश में 43
लाख बुनकर हैं इनमें से 80 प्रतिशत महिला बुनकर हैं। उन्होंने बताया कि
बुनकर पीढ़ी दर पीढ़ी विरासत को संजोए हुए हैं। संयुक्त सचिव अतुल कुमार
तिवारी ने बुनकरों के हित में संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
राजस्थान परिमण्डल के मुख्य पोस्टल मास्टर जनरल डॉ. डीडी दबे ने बताया कि
राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस के अवसर पर आज समारोह में हैंडलूम से जुड़ी पांच
डिजाइनों पर डाक टिकट जारी किए गए हैं।इस अवसर पर उद्योग मंत्री
राजपाल सिंह शेखावत ने यूपी के कमालुद्दीन अंसारी, तेलंगाना कके
जेला वैंकटेशम, गुजरात के देवजी प्रेमजी वांकर, उड़ीसा की स्वर्णलता
मेहर और उड़ीसा की ही श्रीमती कलावती मेहर को कबीर पुरस्कार स्वरुप 3 लाख
रुपये का चैक, सोने का सिक्का, ताम्रपत्र, श्शॉल, प्रमाण पत्र और मोबाइल
भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर यूपी के अनवर अंसारी, राजस्थान के हाजी
अब्बास अली, मधुराम, रघुवीर सिंह बुंदेला, जम्मू कश्मीर के शब्बीर अहमद दर,
एचपी के बलविन्दर पाल, तमिलनाडू की के मगेश्वरी, तेलंगाना के गंजी
यादागिरी, गजम श्रीनिवास, आंध्र प्रदेश के पटनाम मुनीबाबू, कर्नाटक की एस
अन्नपूर्णा, गुजरात के मरवाड़ा झाकूरामा, रतनोड़ नैनाबाई मुकेश भाई,
महाराष्ट्र के दत्ता भारत हांडी, उड़ीसा के रुशभा मेहर, हेमसागर मेहर और
मणिपुर की वाहेंगमशाया देवी को नेशनल अवार्ड स्वरुप डेढ़ लाख रु. का चैक,
ताम्रपत्र, शॉल,प्रमाणपत्र और मोबाइल देकर सम्मानित किया।
आरंभ में शेखावत ने एमएसएमई सचिव नवीन महाजन सहित अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का
शुभारंभ किया। राजस्थान की कोटा डोरिया व दौसा की दरी बनाने के लाइव डेमो
सहित हैंडलूम उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
समारोह मेें राजस्थान के एमएसएमई सचिव नवीन महाजन, आयुक्त डॉ. समित शर्मा, उद्योग विभाग व संस्थाआें के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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