नई
दिल्ली। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (द्रमुक)
के नेता एम. करुणानिधि का निधन हो गया। वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 94
वर्ष की उम्र में उन्होंने चेन्नई के कावेरी अस्पताल में अंतिम सांस ली।
कावेरी अस्पताल से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक शाम 6 बजकर 10 मिनट पर
उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनके निधन की खबर सुनते ही पूरे राज्य और उनके
समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट करते
हुए करुणानिधि के निधन पर शोक जताया और उनके शोक संत्पत परिवार को सांत्वना
दी। वहीं पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि उनके निधन से वो बेहद
दुखी हैं। तमिलनाडु सरकार ने एक दिन शोक मनाते हुए छुट्टी घोषित कर दी है।
हर चुनाव में अपनी सीट जीतने का बनाया रिकॉर्ड...
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हर चुनाव में अपनी सीट जीतने का बनाया रिकॉर्ड...
3 जून 1924 को जन्मे
करुणानिधि पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 10 फरवरी 1969
को पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
वह तमिलनाडु की सत्ता पर सबसे
ज्यादा समय तक काबिज रहने वाले मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने 6,863 दिन तक
मुख्यमंत्री का पद संभाला। उन्होंने 60 साल के राजनीतिक करियर में अपनी
भागीदारी वाले हर चुनाव में अपनी सीट जीतने का रिकॉर्ड बनाया।
13 बार रहे राज्य के विधायक...
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13 बार रहे राज्य के विधायक...
राजनीति में 61 साल तक सक्रिय रहने वाले करुणानिधि 13 बार राज्य के विधायक रहे हैं और एक बार तमिलाडु के एमएलसी भी रह चुके हैं।
पांच बार बने राज्य के मुख्यमंत्री...
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पांच बार बने राज्य के मुख्यमंत्री...
डीएमके के संस्थापक सीएन
अन्नादुरई की मौत के बाद करुणानिधि पार्टी के नेता बने। इसके बाद से साल
2011 तक वह पांच बार (1969-71, 1971-76, 1989-91, 1996-2001 और 2006-2011)
राज्य के मुख्यमंत्री रहे। 27 जुलाई 2018 को करुणानिधि ने भारतीय राजनीत
में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। शुक्रवार को उन्होंने डीएमके अध्यक्ष के रूप
में 50 साल पूरे किए।
वह ऐसी विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले देश के पहले
राजनेता थे। 27 जुलाई 1969 को उन्होंने डीएमके पार्टी अध्यक्ष का पद
संभाला था। इसके पांच महीने पहले उन्हें पार्टी के विधायक दल का नेता चुना
गया था और वो पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। तब से लेकर अब तक वो
इस पद पर बने हुए थे।
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