नई दिल्ली। फिल्म निर्माता महेश भट्ट का कहना है कि वह खुद ‘मास्टर’ नहीं कहलाना चाहते क्योंकि उन्हें लगता है कि किसी का भी दृष्टिकोण एक संकीर्ण दुनिया तक ही सीमित नहीं होना चाहिए।
‘सारांश’, ‘हम है राही प्यार के’, ‘जख्म’ और ‘अर्थ’ जैसी फिल्मों के लिए प्रसिद्ध भट्ट ने विभिन्न शैलियों में फिल्में बनाई हैं। साथ ही उन्हें कई बोल्ड प्लॉट्स के साथ फिल्म बनाने के लिए भी जाना जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसी स्थिति में नहीं रहना चाहता, जहां कोई मुझे गुरु कहता हो। किसी तरह की झूठी नम्रता के लिए नहीं बल्कि इसलिए कि मैं नहीं चाहता कि लोग अपने दृष्टिकोण और अपनी रचनात्मकता को एक संकीर्ण दुनिया तक सीमित रखें। मैंने जो कुछ भी अनुभव किया है वह मेरे जीवन का सच है, यह किसी अन्य व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण नहीं हो सकता है क्योंकि इसकी कोई सीमा नहीं है। फिल्म निर्माण सीखने के लिए कोई ढांचा नहीं है।’’
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘हर फिल्म एक अलग परियोजना है, एक अलग चीज जिसे आपको नए तरीके से सीखना है।
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अगर किसी एक निर्देशक को अपनी फिल्म के लिए आलोचना या प्रशंसा मिलती है तो
जरूरी नहीं कि उसे अपनी अगली फिल्म के लिए भी वही प्रशंसा मिले।’’
(आईएएनएस)
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