जयपुर। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर जयपुर कत्थक केंद्र एवं पुरातत्व विभाग की ओर से आमेर महल एवं अल्बर्ट हॉल पर कत्थक नृत्य के कार्यक्रम आयोजित किए गए। आमेर महल में नृत्य गुरु डॉ. रेखा ठाकुर के निर्देशन में उनकी शिष्य द्वारा गुरु वंदना के 3 श्लोकों से कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसके बाद जयपुर घराने का पारंपरिक नृत्य तीन ताल में प्रस्तुत किया गया, जिसमें थॉट उठान आमद परण फरमाइशी बंदिश है आदि की प्रस्तुति दी गई।
कथक नृत्य की प्रस्तुति में कनिका कोठारी, चित्रांश तंवर, निकिता शर्मा एवं अनन्या दलवी ने प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में पखावज पर पंडित प्रवीण आर्य, गायन पर मुन्ना लाल भाट, सितार पर पंडित हरि हरशरण भट्ट ने संगत की। कार्यक्रम का निर्देशन एवं पड़त रेखा ठाकुर ने की।
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इसी प्रकार अल्बर्ट हॉल रामनिवास बाग में नृत्य गुरु पंडित राजकुमार
जबड़ा के निर्देशन में कत्थक कार्यक्रम की शुरुआत गुरु वंदना से की गई।
इसके बाद सावन के आगमन पर भगवान शंकर को रिझाने के लिए रंगीला शंभू गोरा ने
पधारो म्हारे पर भाव नृत्य प्रस्तुत किया गया। बाद में पारंपरिक कथक नृत्य
थाट आमद ,तोड़े, 32 चक्कर, ततकार और पुरानी बंदिश, जिनमें गतिककश और लड़ी
तकीट थिकित तट प्रस्तुत कर कार्यक्रम का समापन किया।
कार्यक्रम
में कलाकार चेतन कुमार जबड़ा, भवदीप जबरा, तोषीणा गोठलवाल एवं संगीता सेन
ने भाग लिया। कार्यक्रम में तबले पर हनुमान भारती, गायन पर रमेश मेघवाल एवं
पखावज वादक एवं पंडित राजकुमार जबड़ा ने संगत की।
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