मुकंदरा अभयारण्य में बाघ के शिकार पर कुत्तों का डाका

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 27 जुलाई 2018, 1:19 PM (IST)

कोटा। यहां आवारा कुत्ते समस्या बनते जा रहे हैं। आमजन को परेशान करने के साथ ही वे बाघ के शिकार पर भी डाका डाल रहे हैं। कुत्ते मुकंदरा अभयारण्य की फेंसिंग के अंदर घुस जाते हैं और चीतलों का शिकार कर जाते हैं। बाघ की भूख मिटाने के लिए अभयारण्य में दिल्ली से बड़ी संख्या में चीतल लाए गए थे। अनुमान के मुताबिक अभी तक एक दर्जन चीतलों को कुत्ते शिकार बना चुके हैं।

बरसात के कारण कीचड़ में फंसे चीतल दौड़ नहीं सकते और कुत्ते उन्हें फफेड़ कर दावत करते हैं। सबसे ज्यादा मुसीबत में चीतल के बच्चे हैं। वे कुत्तों के जल्दी शिकार बन रहे हैं। इस संबंध में वन अधिकारी चीतल के घायल होने की तो पुष्टि कर रहे हैं, लेकिन शिकार की बात कहने से बच रहे हैं।



ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

जानकारी के अनुसार कालिया कुई के ऊपर अभयारण्य की फेंसिंग के समीप आवारा कुत्ते रोजाना चीतलों को अपना शिकार बना रहे हैं। कुत्ते झुंड के रूप में चीतलों और अन्य छोटे वन्य जीवों का शिकार करते हैं। अभयारण्य के वर्जित क्षेत्र में श्वानों का घूमना अब आम बात है। वन्यजीव विभाग ने टाइगर की सुरक्षा के लिए फेंसिंग बनाई थी। दावा किया था कि इसमें अंदर प्रवेश करना किसी के लिए भी मुश्किल होगा। ऐसे में सवाल उठता है कि श्वान फेंसिंग के अंदर कैसे घुस गए। जबकि, चारों ओर दीवार और लोहे की 15 फीट ऊंची फेंसिंग कर रखी है। इतनी सुरक्षा के बाद भी विभागीय अधिकारियों की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है।

इस संबंध में मुकंदरा अभयारण्य के रेंजर अब्दुल सलीम कहते हैं कि कुत्तों को अभयारण्य से बाहर निकालने की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने किसी भी चीतल का शिकार नहीं होने की बात कही है।

ये भी पढ़ें - शर्त या पागलपंथी!निगली एक फुट लंबी संडासी