मॉब लिंचिंग : कैमरे पर खुली पुलिस की पोल, सरकार ने बनाई उच्च स्तरीय कमिटी

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 23 जुलाई 2018, 7:27 PM (IST)

अलवर। राजस्थान के अलवर में पिछले शनिवार को अलवर के ललवांडी गांव में मॉब लिंचिंग से हुई गोरक्षकों की पिटाई से रकबर उर्फ अकबर नाम के शख्स के मौत पर केंद्र सरकार ने इससे निपटने के लिए एक उच्च स्तरीय कमिटी का गठन करने का फैसला किया है। सरकार ने केंद्रीय गृह सचिव के नेतृत्व में इस कमिटी का गठन किया है। कमिटी को चार हफ्तों में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसके अलावा राजस्थान पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति की भी स्थापना की गई है।

वहीं दूसरी और इस मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। दरअसल, पुलिस पर आरोप है कि 6 किमी दूर स्थित अस्पताल तक जाने में पुलिस की जीप को तीन घंटे लग गए। इस बीच एक पुलिसकर्मी ने कैमरे पर अपनी गलती स्वीकार कर ली है। सहायक सब-इंस्पेक्टर मोहन सिंह ने कैमरे पर माना कि 28 साल के रकबर खान उर्फ अकबर को स्वास्थ्य केंद्र में ले जाने में देरी हुई। कैमरे पर वो कहता है कि मुझसे गलती हो गई, मुझे सजा दे दो।

पिछले शनिवार को अलवर के ललवांडी गांव में गाय तस्कर होने के संदेह में रकबर को कुछ लोगों ने बुरी तरह मारा-पीटा था। अलवर पुलिस ने गो तस्कर होने के संदेह में रकबर खान की बुरी तरह पिटाई होने के बाद उसे अस्पताल ले जाने में काफी देर कर दी थी। पुलिस घटनास्थल पर रात 12.41 बजे पहुंची और वे पीडि़त को रात एक बजे ले गए।

इसके बाद पुलिस आश्चर्यजनक रूप से तडक़े चार बजे अस्पताल पहुंचती है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार पीडि़त की मौत तडक़े 3.40 बजे हो चुकी थी। गौरतलब है कि रकबर और असलम रात में खेतों से होकर गाय ले जा रहे थे। जब ये मवेशी चिल्लाने लगे, तो कुछ गांव वालों ने बाहर आकर अकबर को पीटना शुरू किया। तेज बारिश होने के कारण रकबर कीचड़ में गिर गया और उसका साथी असलम भाग निकला।

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