एक थाने में SHO और मुंशी 3 साल, कांस्टेबल/हैड कांस्टेबल 5 साल ही रहेंगे

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 18 जुलाई 2018, 4:40 PM (IST)

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब पुलिस के कामकाज में पारदर्शिता लाने और निचले रैंक के कर्मचारियों की कथित सांठ-गांठ को तोडऩे के लिए दिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। इनके आधार पर एक पुलिस थाने में SHO और मुंशी की तैनाती की मियाद तीन साल और कांस्टेबल और हैड कांस्टेबल के सेवाकाल की मियाद पाँच साल करने का फ़ैसला किया है।

पंजाब पुलिस के एक प्रवक्ता के अनुसार नई तबादला नीति के तहत यह फ़ैसला किया गया है कि किसी पुलिस थाने का एस.एच.ओ. इंचार्ज अपने गृह वाली सब -डिविजऩ में तैनात नहीं किया जायेगा। प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री ने अपराधियों और निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों के बीच सांठ-गांठ की शिकायतों का गंभीर नोटिस लिया है और डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा को तबादले संबंधी नई नीति तैयार करने के लिए कहा है जिससे पुलिस मुलाजिमों के एक जगह पर लम्बा समय तैनात रहने को रोका जा सके।

नई तबादला नीति में यह व्यवस्था की गई है कि अपराधिक मामला दर्ज होने के बाद अतिरिक्त या निचले स्तर का कोई भी पुलिस मुलाज़ीम उस जिले में तैनात नहीं रहेगा। रेंज के आई.जी./डी.आई.जी. तुरंत उसको रेंज के किसी अन्य जिले में तैनात करेंगे।


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नई नीति के तहत किसी पुलिस थाने के एस.एच.ओ. इंचार्ज की न्यूनतम सेवाकाल की मियाद एक साल होगी जो कि लिखित रिकार्ड (पंजाब पुलिस एक्ट 2007 की धारा 15.1) में कारण बताने पर संबंधित एस.एस.पी. /सी.पी. की तरफ से तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है। इस नीति में यह व्यवस्था भी की गई है कि जहाँ एस.एच.ओ. के लिए सब -इंस्पेक्टर के पद की तैनाती की स्वीकृति दी गई है, वहीं रेगुलर सब-इंस्पेक्टर से कम रैंक का अधिकारी एस.एच.ओ. के तौर पर तैनात नहीं किया जायेगा। जहाँ एस.एच.ओ. के लिए इंस्पेक्टर का पद स्वीकृत किया हुआ है, वहाँ रेगुलर इंस्पेक्टर के रंैक से नीचे के अधिकारी को एस.एच.ओ. के तौर पर तैनात किया जायेगा।

नई नीति के अनुसार एम.एच.सी. /ए.एम.एच.सी. (मुंशी /अतिरिक्त मुंशी) की तैनाती की मियाद एक पुलिस थाने में तीन साल होगी। उसके बाद अन्य पद के लिए उसका तबादला किया जायेगा। इसका कुल समय छुट्टी आदि को निकाल कर गिना जायेगा। सी.आई.ए. इंचार्ज और स्पैशल स्टाफ के इंचार्ज की मियाद आम तौर पर एक साल होगी जिसमें संबंधित पी.पी. /एस.एस.पी. की तरफ से अधिकतम तीन साल तक विस्तार किया जा सकता है।

इस नीति के अनुसार एक पुलिस थाने में तैनात अतिरिक्त रैंक (अपर सबॉर्डीनेट) की मियाद आम तौर पर तीन साल होगी जो सम्बन्धित एस.एस.पी. /कमिशनर ऑफ पुलिस की तरफ से पाँच साल तक (पंजाब पुलिस नियम 14.15(3)) तक बढ़ाई जा सकती है। निचले रैंक के (कांस्टेबल और हैड कांस्टेबल) की तैनाती की एक पुलिस थाने में आम मियाद तीन साल होगी (पंजाब पुलिस नियम 14.16)।

जिन इंस्पेक्टरों, सब -इंस्पेक्टरों और सहायक सब -इंस्पेक्टरों (अपर सुबॉडी्र्रनेटस) ने एक जिले में इंस्पेक्टर, सब -इंस्पेक्टर और ए.एस.आई. के तौर पर आठ साल मुकम्मल कर लिए हैं, उनका रेंज में ही अन्य जिले में रेंज के आई.जी. /डी.आई.जी. की तरफ से तबादला किया जायेगा।

जिन इंस्पेक्टरों, सब -इंस्पेक्टरों और ए.एस.आई.(अपर सबॉर्डीनेटस) ने एक रेंज में इंस्पेक्टरों, सब -इंस्पेक्टरों और ए.एस.आई. के तौर पर 12 साल मुकम्मल कर लिए हैं, उनको रेंज के आई.जी. /डी.आई.जी. की रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद सी.पी.ओ. द्वारा अन्य रेंज में तबदील किया जायेगा।प्रवक्ता के अनुसार नई नीति में ज़रूरी बदलाव 25 जुलाई, 2018 तक मुकम्मल करना ज़रूरी है। विशेष मामलों में उपरोक्त नीति में छूट देने के लिए डी.जी.पी. के पास शक्ति होगी जोकि सम्बन्धित कमिशनर ऑफ पुलिस /एस.एस.पी. की लिखित विनती पर आधारित दी जा सकेगी।

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