खासखबर विशेष- विधानसभा से क्यों भागती हैं राज्य सरकारें...

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 18 जुलाई 2018, 1:04 PM (IST)

सत्येंद्र शुक्ला
जयपुर । अभी राजस्थान विधानसभा से विधायकों के प्रश्नों का स्थगित होने का मामला सुर्खियों में छाया हुआ है, लेकिन क्या आपको पता है कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, वह चाहती ही नहीं है कि सदन की बैठक एक वर्ष में कम से कम 60 दिन हो। यानी की खुद राज्य सरकार जनता से जुड़े सवालों से भागती नजर आती है सिर्फ जरूरी विधेयकों और अपने मतलब के विधेयकों को पारित करवाकर इतिश्री कर लेती है।

अगर वर्तमान वसुंधरा सरकार की बात करें तो चौदहवीं विधानसभा में पहला विधानसभा सत्र 21 जनवरी 2014 से से 21 फरवरी 2014 तक चला था। इस सत्र को मिलाकर अभी तक सिर्फ राजस्थान विधानसभा की कुल 136 बैठकें ही हुई है। इस दौरान सबसे छोटा सत्र सप्तम सत्र रहा। इस दौरान सिर्फ 1 सितंबर और 2 सितंबर 2016 को सिर्फ दो दिन सदन चला। सबसे ज्यादा सदन की बैठक चतुर्थ सत्र यानी कि 25 फरवरी 2015 से 9 अप्रैल 2015 तक चली, यानी की कुल 26 बैठक आयोजित हुई। वहीं अष्टम सत्र में सदन की कार्यवाही 23 फरवरी 2017 से 26 अप्रैल 2017 तक यानी कुल 25 दिन सदन की कार्यवाही चली।

राजस्थान विधानसभा के उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह ने खास खबर डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि सदन कितने दिन चलेगा, यह सबकुछ राज्य सरकार पर निर्भर होता है। राज्य सरकार के पास कितना बिजनिस है । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सदन के लिए बिजनेस तय करती है इसके बाद सदन की कार्यवाही चलती है। लेकिन छह महीने के अंदर सदन की बैठक बुलाना जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार वर्ष के शुरू में विधानसभा के लिए एक कैलेंडर बना दे, कि सभी विधायकों के लिए अच्छा कदम होगा, जिससे विधायक अपनी बात सदन में ज्यादा से ज्यादा रख सकेंगे।

वहीं इससे पहले 13वीं विधानसभा के दौरान पूर्ववर्ती गहलोत सरकार भी सदन से भागती नजर आई। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के वक्त सदन की बैठकें 5 साल में सिर्फ 119 हुई। 13 वीं विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में विधानसभा का प्रथम सत्र 1 जनवरी 2009 से 10 जनवरी 2009 तक चला। 13 वीं विधानसभा का सबसे बड़ा सत्र चतुर्थ सत्र रहा। इस दौरान सदन की कार्यवाही 22 फरवरी 2010 से 2 अप्रैल 2010 तक चली। इस दौरान पांच सत्र ऐसे रहे, जिनकी बैठकों का समापन 5 दिन के अंदर ही हो गया।



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