कोटा। स्मार्ट सिटी कोटा में पर्यटन की दृष्टि से एक और नया स्थल मिलने वाला है। यहां आईएल की खाली जमीन आने वाले समय में कोटा के नागरिकों के लिए ऑक्सी-जोन सेन्टर बनेगी। यहां पिकॉक सेंचुरी, वॉकिंग, जोगिंग एवं साइकिल ट्रैक के साथ प्राकृतिक चिकित्सा एवं योगा सेंटर भी बनाए जाएंगे।
जिला कलेक्टर एवं स्मार्ट सिटी लि. के सीईओ गौरव गोयल की अध्यक्षता में मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में आईएल की जमीन पर जनसुविधाएं विकसित कर इसे रायपुर छत्तीसगढ़ की तर्ज पर ऑक्सी-जोन पार्क के रूप में तैयार करने का निर्णय लिया गया। जिला कलेक्टर ने कहा कि आईएल के चारों तरफ घनी आबादी है, समीप में औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण वायु प्रदूषण भी होता है। समीप के क्षेत्र में कोचिंग के विद्यार्थियों के लिए बड़ी संख्या में होस्टल होने के कारण देशभर के विद्यार्थी यहां निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि आईएल की खाली जमीन का सदुपयोग आमजन को सुविधाएं प्रदान कर इसे आक्सी-जोन पार्क के रूप में तैयार किया जाए, जिसमें सघन पौधारोपण के साथ बायोडायवर्सिटी के संरक्षण के कार्य भी शामिल किए जाएं। उन्होंने वर्तमान में राष्ट्रीय पक्षी मोर की बहुलता को देखते हुए इनके संरक्षण के कार्य भी शामिल करने एवं पिकॉक सेंचुरी के साथ देसी-विदेशी पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक में स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे विकास कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई। दशहरा मैदान के विकास कार्यों को निर्धारित समय में पूरा कराने के लिए निरंतर मॉनीटरिंग करने, चारों तरफ की सड़कों को भी स्मार्ट रूप में तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने जयपुर की तर्ज पर ग्रामीण हाट में बनने वाले मसाला पार्क के विकास के लिए कन्सलटेंट नियुक्त कर जनसुविधाओं को ध्यान में रखकर आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश दिए।
दो जोन बनाए जाएंगे
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आईएल के आवासीय परिसर को दो जोन में विभक्त कर जनसुविधाएं विकसित की
जाएंगी। प्रथम जोन 3 एकड़ का होगा, जिसमें प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र,
मेडिटेशन एवं योगा सेंटर, रिहेबीटेशन सेंटर आदि जनसुविधाएं विकसित की
जाएंगी। दूसरा जोन 71 एकड़ का होगा, जिसमें सघन पौधारोपण किया जाएगा। इसमें
10-10 मीटर चौड़ाई एवं 5.50 किमी लंबाई में जोगिंग ट्रैक, पाथ-वे एवं साइकिल
ट्रैक बनाए जाएंगे। समीप ही साइकिल शेयरिंग सेंटर भी होगा, जिसमें किराए
पर साइकिल ली जा सकेगी।
पिकॉक सेन्चुरी बनेगी
वर्तमान
में राष्ट्रीय पक्षी मोर की बहुलता को देखते हुए इनके संरक्षण के कार्य भी
हाथ में लिए जाएंगे। मोर के लिए सुरक्षित आवास प्रदान करने के लिए सघन
पौधारोपण का कार्य किया जाकर उस क्षेत्र को पिकॉक सेंचुरी के रूप में
विकसित किया जाएगा। इस क्षेत्र में कच्चे पाथ-वे बनाए जाएंगे, जिसमें देसी
विदेशी पक्षियों को निहारा जा सकेगा।
कृत्रिम जलस्रोत बनेगा
प्रस्ताव
में देसी-विदेशी पक्षियों के लिए प्राकृतिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए
कृत्रिम जलस्रोतों का निर्माण कराया जाएगा, जिसमें घना पक्षी विहार भरतपुर
की तर्ज पर जगह-जगह कृत्रिम टापू बनाए जाएंगे, जिसमें पक्षियों को अपना नीड़
बनाने का वातावरण मिलेगा। जलस्रोत के पास पक्षियों को निहारने के लिए वर्ड
वाचिंग पॉइन्ट एवं फोटोग्राफी पाइन्ट भी बनाए जाएंगे।
ऑक्सीजोन सेन्टर बनेगा
आसपास
के क्षेत्र में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सघन 5 हजार पौधारोपण किया
जाएगा, जिसमें पुराने पेड़ों को सहेजने के साथ पीपल, नीम, बरगद, खजूर, आम,
बांस आंवला, जामुन, अशोक, महोगनी सहित स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाए
जाएंगे। विभिन्न जोनों के आसपास खुशबूदार फूलों के पौधे लगाने का प्रस्ताव
तैयार किया गया है।
ये रहे उपस्थित
बैठक
में अतिरिक्त मुख्य अभियंता स्मार्ट सिटी एसके गर्ग, वित्त सलाहकार विधि
शर्मा, अधिशासी अभियंता नरेन्द्र शर्मा, केएम शर्मा, संजय बाहेती, नगर
विकास न्यास के अधिशासी अभियंता महेश गोयल, अनिल गालव सहित संबंधित अधिकारी
उपस्थित रहे।
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