राजसमंद की पेयजल आपूर्ति और वेस्ट वाटर सिस्टम पर खर्च होंगे 337 करोड़ : माहेश्वरी

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 17 जुलाई 2018, 4:54 PM (IST)

राजसमंद/जयपुर। उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा कि रूडीप के तहत पेयजल आपूर्ति और वेस्ट वाटर सिस्टम के लिए किए जाने वाले कार्यों को उच्च गुणवत्तापूर्ण और व्यवस्थित तरीके से किया जाए, जिससे आगामी समय में पूरी होने वाली योजना का लाभ जनता को मिल सके।
उच्च शिक्षा मंत्री मंगलवार को राजसमंद के जिला कलेक्टर कार्यालय सभागार में रूडीप (राजस्थान अर्बन इन्फास्ट्रक्चर डवलपमेन्ट प्रोग्राम) की फेज फोर्थ के राजसमंद के लिए पेयजल आपूर्ति और वेस्ट वाटर सिस्टम के लिए बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को संबोधित कर रही थीं।

बैठक में माहेश्वरी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों को उच्च गुणवत्तापूर्ण और अच्छी प्रकार से संपादित किए जाए। उन्होंने बैठक में अधिकारियों को यह भी सुझाव दिए कि जिसे उच्च स्तर पर रखा जाए कि इस योजना के तहत जो एजेन्सी कार्य करेगी, उसे ही कम से कम 3 साल तक इसकी मेन्टेनेन्स करनी होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भराई व कम्पेक्शन का कार्य उचित प्रकार से हो और रेवेन्यू, बीलिंग नगर परिषद द्वारा किए जाएं, जिससे कि नगर निकाय को इसकी आय हो और बाद में वह ही इसके मेन्टेनेन्स का कार्य भविष्य में करेगी।

बैठक में माहेश्वरी ने नगर परिषद सभापति सुरेश पालीवाल से कहा कि वे तीन जोन के तहत डाली जाने वाली पाइप लाइन, सीवर लाइन के लिए जोन वाइज वहां के पार्षदों और लोगों के साथ बैठक करें, जिससे कि योजना में कोई क्षेत्र छूट नहीं पाए।


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बैठक में उन्होंने जयपुर से आए अधिकारियों, अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजना में प्रस्तावित कार्यों पाइप लाइन, सीवर लाइन के लिए, सड़कों को सौ मीटर से ज्यादा नहीं खोदा जाए, जिससे शहर कि सुंदरता और लोगों को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। इस अवसर पर नगर परिषद सभापति सुरेश पालीवाल और उपसभापति अर्जुन मेवाड़ा ने भी बैठक में अपने विचार रखे।
शहर में 3 जोन के तहत होंगे कार्य - यह होगा खाका

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बैठक में जयपुर से आए एसई डॉ. डीआर जांगिड़ ने बताया कि इस योजना के लिए राजसमंद शहर के लिए 3 जोन में डिवाइड कर पाइप लाइन और सीवरेज लाइन के कार्य होंगे। इसमें 2018 से कार्य शुरू होगा, जिसमें बेस ईयर 2021 को माना जाएगा। इस योजना की डिजाइनिंग अवधि 30 साल और भविष्य में पेयजल की आवश्यकता और वेस्ट वाटर के सिस्टम के लिए कार्य किया जाएगा।


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इस योजना में मरम्मत की अवधि 10 साल की होगी, इसमें राजसमंद के 35 वार्ड और लगभग 31 एस किमी. का दायरा इस योजना क्षे़त्र के अंतर्गत होगा। इसमें ग्रास वाटर डिमांड 2021 के अनुसार 13.81 एम.एल.डी पानी की आवश्यकता होगी। इसके तहत 2 पम्पिंग स्टेशन सीवरेज के तहत बनाए जाएंगे, जिसके लिए भूमि चिह्नित कर कार्य किया जाएगा।

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