मोहम्मद कैफ जब कर रहे थे वकार यूनुस की हैट्रिक गेंद का सामना...

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 16 जुलाई 2018, 12:39 PM (IST)

नई दिल्ली। हाल ही में क्रिकेट से संन्यास लेने वाले भारत के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ ने कहा है कि वर्ष 2002 में नेटवेस्ट ट्रॉफी का फाइनल उनके जीवन को बदलने वाला पल साबित हुआ। कैफ ने उस नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल मैच की 16वीं वर्षगांठ (13 जुलाई) को ही क्रिकेट के सभी प्रारूप से संन्यास की घोषणा की। वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो को दिए इंटरव्यू में कैफ ने कहा, 13 जुलाई मेरे जीवन को बदलने वाला पल था। वो मैच हम तब जीते थे जब किसी ने उम्मीद नहीं की थी।

मेरे माता-पिता भी मैच छोडक़र फिल्म देखने चले गए थे। मैदान में मौजूद दर्शक भी धीरे-धीरे बाहर जाने लगे थे। कैफ ने नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल मैच में 325 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए लडख़ड़ाई भारतीय पारी को युवराज सिंह के साथ संभाला था और छठे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी कर भारत को जीत दिलाई थी। कैफ ने लॉड्र्स के मैदान पर खेले गए इस मैच में नाबाद 87 रनों की पारी खेलकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी।

कैफ उस टीम का भी हिस्सा थे जिसने 2003 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई थी। कैफ ने उस विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए रोमांचक मैच को भी याद किया। 37 साल के कैफ ने कहा, मुझे वो मैच अच्छे से याद है। मैं वकार यूनुस के सामने था और हैट्रिक गेंद का सामना कर रहा था। जाहिर सी बात है नर्वस था, लेकिन मुझे आत्मविश्वास था। मुझे पता था कि मुझे सचिन के साथ साझेदारी करनी है। मुझे अपने आपसे यही कहना था कि मुझे विकेट पर खड़े रहना है और साझेदारी करनी है।

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घरेलू क्रिकेट में कैफ ने उत्तर प्रदेश की तरफ से खेलते हुए उसे पहला रणजी ट्रॉफी खिताब दिलाया था। कैफ ने कहा कि टीम के साथ वो फाइनल जीतना भी उनके लिए बड़ा पल था। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश ने कभी भी रणजी ट्रॉफी खिताब नहीं जीता था। मैं आखिरी के कुछ लीग मैचों में टीम के साथ जुड़ा था। टीम उस समय अंकतालिका में सबसे नीचे थी। वहां से हम लगातार जीते और क्वार्टर फाइनल में पहुंचे। फिर हमने लखनऊ में बंगाल को मात दी।

उस समय तक उत्तर प्रदेश से ज्यादा खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में नहीं जाते थे, लेकिन उसके बाद से सुरेश रैना, प्रवीण कुमार, पीयूष चावला काफी लोगों ने भारतीय टीम में जगह बनाई। कैफ को उनकी बल्लेबाजी से ज्यादा उनकी शानदार फील्डिंग के लिए जाना जाता है। वो भारतीय टीम में फील्डिंग के नए पैमाने तय करने वाले खिलाडिय़ों में से एक हैं। कैफ ने भारत के लिए 125 वनडे मैच खेले जिनमें 32.01 की औसत से 2753 रन बनाए।

उनका सर्वोच्च स्कोर 111 रहा। उन्होंने अपने वनडे करियर में दो शतक और 17 अर्धशतक लगाए। कैफ ने भारत के लिए 13 टेस्ट मैच भी खेले। खेल के लंबे प्रारूप में कैफ का औसत 32.84 का रहा जिसकी मदद से उन्होंने 22 पारियों में 624 रन बनाए हैं। टेस्ट में कैफ के नाम एक शतक और तीन अर्धशतक हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर 148 है।

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