पांच बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉम को इसमें पदक जीतने की उम्मीद

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 11 जुलाई 2018, 5:54 PM (IST)

नई दिल्ली। पांच बार की विश्व चैंपियन और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय महिला मुक्केबाजी एमसी मैरीकॉम ने बुधवार को कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि उन्होंने अपने बच्चों को प्यार की जगह पदक दिए हैं। मैरीकॉम ने इस वर्ष अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में लाइफ्लाई वेट (48 किग्रा) में स्वर्ण पदक जीता था। मैरीकॉम ने यहां स्पेशल ओलम्पिक यूनीफाइड फुटबॉल कप में हिस्सा लेने जा रही भारतीय स्पेशल महिला फुटबॉल टीम के विदाई समारोह के दौरान यह बातें कही।

स्पेशल ओलम्पिक यूनीफाइड फुटबॉल कप का आयोजन 17 से 20 जुलाई तक अमेरिका के शिकागो में होना है। मैरीकॉम ने कहा, इस बार जब मैंने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद अपने घर पर फोन किया तो मुझे घर वालों की खुशी का अहसास फोन पर ही हो गया था। बच्चे भी चाहते हैं कि उन्हें घर में मां का प्यार मिले, जो मैं उन्हें नहीं दे पाई। लेकिन मुझे लगता है कि मुझे इस गर्व होना चाहिए कि मैंने बच्चों को प्यार की जगह पदक दिए हैं।

उन्होंने कहा, खेल तो कुछ समय के लिए है। इसके बाद मुझे पूरा जीवन घर पर ही रहना है तब मैं अपने बच्चों को मां का प्यार दूंगी। लेकिन उससे पहले मैंने जो भी पदक दिए हैं। उस पर मुझे गर्व है। यह मेरा नहीं, पूरे देश का पदक है और मेरे बच्चों को भी इससे खुशी होनी चाहिए।

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35 वर्षीय मैरीकॉम चोट के चलते अगले माह इंडोनेशिया के जकार्ता में होने जा रहे एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं ले रही हैं। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वे अगले एआईबीए महिला विश्व चैंपियनशिप में देश के लिए जरुर पदक जीतेंगी। एआईबीए महिला विश्व चैंपियनशिप का आयोजन इस वर्ष भारत में 15 से 24 नवंबर के बीच होना है। मैरीकॉम ने कहा, चोट के कारण मैं एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं ले पा रही हूं। पिछले एक महीने से मेरा इलाज चल रहा था और मैं अभी वापस ट्रेनिंग कर रही हूं।

देश में ट्रेनिंग सिस्टम काफी अच्छा चल रहा है और मुझे भी इसका फायदा मिल रहा है। उन्होंने कहा, छह-सात साल पहले हम दो तीन घंटे अभ्यास करते थे लेकिन अब आज के समय में स्मार्ट ट्रेनिंग होने से हमें इसका फायदा मिल रहा है। अब एक घंटे में अच्छे से ट्रेनिंग हो सकती है। इसलिए आज के समय में स्मार्ट ट्रेनिंग होनी चाहिए। कुछ सालों से मैं विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले रही थी लेकिन इस बार मैं इसके लिए तैयार हूं और फिट रही तो देश के लिए जरूर पदक जीतूंगी।

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