हरारे। त्रिकोणीय टी20 सीरीज में हार झेलने के बाद भी जिम्बाब्वे टीम के कोच लालचंद राजपूत इस बात से खुश हैं कि उनकी टीम मैच को अंतिम ओवरों तक ले जा रही है और सुधार कर रही है। जिम्बाब्वे ने आखिरी दो मैचों में पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए मैचों को अखिरी तक खींचा था। टीम हालांकि मैच हार गई थी।
वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने पूर्व भारतीय बल्लेबाज राजपूत के हवाले से लिखा है कि दो बड़ी टीमों को जीत के लिए आखिरी ओवर तक ले जाना अपने आपमें जीत होती है। मेरा मानना है कि यह शानदार वापसी है। यह टीम अभी बन रही है। हमें अच्छी शुरुआत नहीं मिली थी, लेकिन आखिरी के दो मैच हमारे लिए काफी अच्छे रहे।
हम करीब पहुंचे, लेकिन हम लाइन के उस पार नहीं जा सके। उन्होंने कहा, हम इससे खुश हैं, लेकिन हम जानते हैं कि अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है। पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज आने वाली है और उससे पहले इस तरह के करीबी मैचों से हमें आत्मविश्वास मिलेगा।
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56 वर्षीय राजपूत ने वर्ष 1985 से 1987 के बीच दो टेस्ट और चार वनडे खेले
थे। हेमिल्टन मसकाद्जा की कप्तानी में खेल रहा जिम्बाब्वे इस सीरीज के
शुरुआती दो मैच में पाकिस्तान से 74 और फिर ऑस्ट्रेलिया से 100 रन से हारा
था। इसके बाद उसे पाकिस्तान ने 5 गेंदें रहते 7 विकेट से और ऑस्ट्रेलिया ने
एक गेंद पहले 5 विकेट से हराया।
जिम्बाब्वे का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में
ओवरऑल रिकॉर्ड देखें तो उसने अब तक 105 टेस्ट में से 11 जीते, 67 हारे, 27
ड्रा खेले। 506 वनडे में 134 जीते, 354 हारे, 7 टाई व 11 बेनतीजा रहे। 60
टी20 में से 13 जीते, 46 हारे और 1 टाई खेला। जिम्बाब्वे ने पहला
अंतरराष्ट्रीय मैच 1983 में खेला था।
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