चीफ जस्टिस के पास ही रहेगा केस आवंटित करने का पूरा अधिकार : SC

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 06 जुलाई 2018, 12:06 PM (IST)

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसके तहत सर्वोच्च न्यायालय के जजों को केस आवंटित करने की प्रक्रिया में बदलाव की मांग की गई थी। यानी केस आवंटित करने का अधिकार चीफ जस्टिस के पास ही रहेगा। पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण ने मांग की थी कि केस आवंटित करने का अधिकार सिर्फ चीफ जस्टिस को नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि पांच वरिष्ठतम जजों को मिलकर मुकदमों का आवंटन करना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने शांति भूषण की याचिका खारिज करते हुए ये फैसला सुनाया है। इससे पहले अप्रैल में भी इल मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका खारिज की थी और कहा था कि भारत के चीफ जस्टिस अपने ‘समकक्षों में प्रथम’ हैं और मुकदमों के आवंटन और उनकी सुनवाई के लिए पीठ (बेंच) के गठन का संवैधानिक अधिकार उन्हीं को है। याचिका में मुकदमों के तर्कपूर्ण, पारदर्शी आवंटन और उनकी सुनवाई के लिए पीठों के गठन के संबंध में दिशा-निर्देश तय करने की मांग की गई थी।

केस आवंटित करने पर हुआ था बढ़ा विवाद...

बता दें कि जनवरी 2018 में सुप्रीम कोर्ट के चार तत्कालीन वरिष्ठतम जजों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के काम करने के तरीके पर भी सवाल उठाया था और अपनी बात रखने के लिए मीडिया से मुखातिब हुए थे। इन जजों ने अपनी चि_ी में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के मनमाने ढ़ंग से काम करने के रवैया पर अपनी नाराजगी जताई थी। इन चार जजों की तरफ से कहा गया था कि जूनियर जजों को अहम केस दिए जाते हैं। इस विवाद में सोहराबुद्दीन शेख़ एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई की विशेष अदालत के जज बीएच लोया की मौत के केस की भी चर्चा हुई थी।

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