इस्टर्न राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट को 3 नदियों की लिंक परियोजना के रूप में मिले मंजूरी : सीएम

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 04 जुलाई 2018, 9:13 PM (IST)

नई दिल्ली/जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बुधवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय सड़क परिवहन, राष्ट्रीय राजमार्ग और जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। राजे ने पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पेयजल एवं सिंचाई सुविधाओं से लाभान्वित करने के लिए बनाई गई करीब 37 हजार करोड़ रुपए की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘इस्टर्न राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट’ को पार्वती, कालीसिंध एवं चंबल नदियों की लिंक परियोजना के रूप में केन्द्र सरकार से स्वीकृति दिलवाने का आग्रह किया, ताकि पानी की समस्या से जूझते प्रदेश को परियोजना के लिए अधिकाधिक केन्द्रीय मदद मिल सके।
उन्होंने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लागू होने से राजस्थान की 40 प्रतिशत आबादी को सिंचाई व पेयजल की सुविधा मिल सकेगी। बैठक में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इस प्रस्ताव पर मंत्रालय की सहमति जताते हुए बताया कि इस संबंध में शीघ्र ही कैबिनेट नोट बना कर सहमति के लिए भिजवाया जाएगा।
बैठक में राजे ने बताया कि पार्वती, कालीसिंध एवं चम्बल नदियों को जोड़ कर उनकी नहरों और वितरिकाओं के माध्यम से अधिशेष जल को प्रदेश के 13 जिलों में दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र और इतने ही अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी और पेयजल संकट से प्रभावित जिलों को पीने का पानी उपलब्ध करवाने के लिए वेपकोस से यह परियोजना तैयार करवाई गई है। इस परियोजना को केन्द्रीय जल आयोग से भी सैद्धान्तिक मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने बताया कि परियोजना की प्रस्तावित लागत 37 हजार करोड़ में से करीब 20 हजार करोड़ रुपए सिंचाई से जुड़े कार्यों और 17 हजार करोड़ रुपए पीने के पानी के लिए खर्च होंगे।




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राजे ने बताया कि उन्होंने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की चौथी गवर्निंग कमेटी की बैठक में भी इस्टर्न राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट की चर्चा की थी। राजस्थान में सतही व भू-जल की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह मांग राज्य की परिस्थितियों के अनुरूप वाजिब जरूरत है। केंद्रीय मंत्री गडकरी के साथ हुई बैठक में राजे की राज्य के जल संसाधन से जुड़े मुद्दों के साथ ही सड़क विकास सहित अन्य लम्बित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप, सार्वजनिक निर्माण एवं परिवहन मंत्री यूनुस खान और जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव शिखर अग्रवाल भी मौजूद थे।

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