तंदुरुसत पंजाब मिशन : मंडी गोबिन्दगढ़ की ढलाई भट्टियों से अब नहीं निकलेगा ज़हरीला धुंआ

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 27 जून 2018, 7:22 PM (IST)

फतेहगढ़ साहिब। पंजाब के दूसरे सब से बड़े औद्योगिक शहर मंडी गोबिंदगढ़ की ढलाई भट्टियों पर वायु प्रदूषण का बड़ी दोषी होने के लगते आरोपों को खत्म करने के लिए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) ने कमर कस ली है।

प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने अब शहर की आबो-हवा को साफ़ सुथरा करने के लिए मिशन ‘तंदरुस्त पंजाब’ के अंतर्गत बड़ी कदम उठाया है। बोर्ड ने शहर में बिजली से चलने वाली ढलाई भट्टियों के प्रबंधकों को अब प्रदूषण रोकने के लिए सख्ती से कहा है। इन ढलाई भट्टियों में लोहा पिघलाने के दौरान पहले धुआं प्रदूषण बहुत फैलता था। अब इस धुएं को कैनोपी (छतरीनुमा यंत्र) लगा कर कंट्रोल किया जाता है, जिसके बाद धुआं कंट्रोल करने वाले उपकरणों (एयर पोल्यूशन कंट्रोल डिवासिज़) में से गुजारा जाता है। यह उपकरण धुएँ को वातावरण में छोडऩे से पहले एक तरह से फि़ल्टर कर देते हैं। इस बाद ही धुएँ को हवा में छोड़ा जाता है, जिसमें ज़हरीले कण ना के बराबर होते हैं। बोर्ड की इस पहलकदमी से शहर के वातावरण में सुधार हो रहा है और ‘तंदरुस्त पंजाब’ मिशन की दिशा में बड़ी पहलकदमी हुई है।

फतेहगढ़ साहिब के वातावरण इंजनियर राकेश नैयर ने बताया कि ढलाई भट्टियों के मकान मालिकों को यह यंत्र लाने के लिए समय दिया गया था। अब दोबारा निगरानी की जा रही है। जिस किसी भी भट्टियों के प्रबंधकों ने यह यंत्र नहीं लगवाए हैं, उनके खि़लाफ़ सख्ती करके यंत्र लगवाए जाएंगे जिससे पंजाब के वातावरण को दूषित होने से बचाया जा सके।

पीपीसीबी के चेयरमैन काहन सिंह पन्नू ने बताया कि बोर्ड द्वारा मंडी गोबिन्दगढ़ की ढलाई भट्टियों के प्रबंधकों को नई प्रौद्यौगिकी अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिस कारण प्रदूषण को बड़े स्तर पर नकेल डली है। इसके अलावा बोर्ड ने शहर की आबो-हवा में से प्रदूषण कण घटाने के लिए और भी कई कदम उठाए हैं। बोर्ड द्वारा हवा की गुणवत्ता पर निरंतर नजऱ रखी जा रही है और नियमों का उल्लंघन करने वाले उद्योगों की भी बाकायदा जांच की जा रही है। जो उद्योग प्रदूषण फैलाते या नियमों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं, उसके खि़लाफ़ तुरंत कार्यवाई अमल में लाई जाती है।

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