अनिल कपूर ने हर्षवर्धन, सोनम और रिया को बताया ऐसा

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 27 जून 2018, 7:09 PM (IST)

मुंबई। व्यावसायिक रूप से एक सफल और पुरस्कार जिताऊ अभिनेता के तौर पर खुद को स्थापित करने से लेकर अपने बच्चों को ऊंचे आसमान में उडऩे के लिए तैयार करने तक अनिल कपूर फिल्मी और वास्तविक दुनिया में इक्का साबित हुए हैं। फिल्मी दुनिया में 35 वर्ष पूरे करने वाले अनिल (61) का कहना है कि कठिनाइयों से जूझने से ज्यादा मुश्किल कामयाबी को कायम रखना है।

राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले और हर तरह की भूमिका करने वाले वरिष्ठ अभिनेता ने अपने सफर में अच्छा और बुरा, हर प्रकार का समय देखा है।

अपने सबसे कठिन समय के बारे में पूछने पर अनिल ने कहा, ‘‘बुरे दिन ज्यादा समय तक नहीं टिकते, क्योंकि हम उनसे निकलने का तरीका निकाल लेते हैं। निजी और पेशेवर जिंदगी में सफलता को बरकरार रखना बहुत मुश्किल है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक लगातार चलने वाली चीज है जिसके लिए लगातार प्रयास करना पड़ता है। मुझे लगता है, बुरे दिनों में जब मैंने काम शुरू किया था तो मेरे पास आज की तुलना में कुछ नहीं था... मैं सोचता हूं कि मैं स्थिर कैसे रहूं। यही बात अभिनय में भी है।’’


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बतौर अभिनेता अनिल ने ‘नायक’, ‘मशाल’, ‘मेरी जंग’, ‘तेजाब’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘लम्हे’, ‘बेटा’, ‘पुकार’, ‘वेलकम’ और ‘रेस’ जैसी फिल्मों में काम किया है। उन्होंने ‘गांधी, माई फादर’, ‘आयशा’ और ‘खूबसूरत’ जैसी यादगार फिल्मों का निर्माण भी किया है।


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उनकी बेटियां- निर्माता रिया कपूर और अभिनेत्री सोनम कपूर ऐसी फिल्में करने के मामले में सबसे आगे रही हैं जो महिला सशक्तिकरण की बात को हल्के-फुल्के अंदाज में कहती हैं।

अनिल ने कहा, ‘‘मैं उन्हें इसका पूरा श्रेय देता हूं। बतौर पिता, मैं उन्हें सिर्फ प्रोत्साहित करता हूं, क्योंकि मैं अपने बच्चों को गलतियां करने और उनसे सीखने के लिए स्वतंत्र रखता हूं। इसका यह मतलब नहीं कि वे हर बार गलती करते रहें। लेकिन मैं उन्हें उनकी खुद की पहचान बनाने देता हूं ना कि उनके अभिनय में उनके परिजनों की छाया पडऩे देता हूं।’’


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अनिल ने उनके बेटे हर्षवर्धन कपूर के बैनर की अंतिम फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ की सफलता पर कहा, ‘‘लोगों को अपने बच्चों को उडऩे की आजादी देनी चाहिए। अगर वे गिरते हैं तो उन्हें खुद खड़े होना चाहिए। शायद इसी लिए मेरे तीनों बच्चे एक-दूसरे से अलग हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हर्ष बहुत अंतर्मुखी है और सोनम बहुत भावुक, जबकि रिया नेतृत्व करने वाली लडक़ी है।’’

(आईएएनएस)

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