ट्रेनी आईएएस को राज्यपाल की सलाह, आपको पब्लिक के ड्रीम्स का किंग बनना है

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 23 जून 2018, 6:57 PM (IST)

गुरुग्राम। हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने आज सिविल सेवा परीक्षा-2017 में हरियाणा के चयनित उम्मीदवारों से कहा कि ‘आपको पब्लिक के ड्रीम्स का किंग बनना है’ अर्थात् जब आप कुर्सी पर बैठेगे, आपको अधिकार मिलेंगे और लोग आशाएं, उमीदे तथा अपनी समस्याएं व ड्रीम्स लेकर आपके पास आएंगे तो आपको उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना है। यही आपकी सही परीक्षा होगी।

राज्यपाल आज गुरुग्राम में जिला प्रशासन तथा श्रीमाता शीतला देवी पूजा स्थल बोर्ड द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा-2017 में हरियाणा से चयनित उम्मीदवारों के सम्मान समारोह में बोल रहे थे। राज्यपाल ने इस परीक्षा में हरियाणा से चयनित उम्मीदवारों को सम्मानित भी किया।

उन्होंने कहा कि हरियाणा की आबादी देश की 2 प्रतिशत है और यहां से 49 उम्मीदवार सिविल सेवा परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं जोकि चयनित उम्मीदवारों का 5 प्रतिशत है। इनमें भी देश में पहले पांच उम्मीदवारों में 3 हरियाणा के हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के युवाओं की यह उपलब्धि पूरे प्रदेश को स्वाभिमान प्रदान करती है। राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा हर दृष्टि से पूरे देश में अनुकरणीय बन रहा है, सरकार के सभी फलैगशिप कार्यक्रमों में हरियाणा बहुत आगे जा रहा है। उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, खेलों इंडिया, रूस में आयोजित बधिर कुश्ती प्रतियोगिता, एनसीसी, रैडक्रॉस आदि योजनाओं का उल्लेख भी किया।

सिविल सेवा परीक्षा 2017 में नव चयनित हरियाणा के उम्मीदवारों को संदेश देते हुए राज्यपाल ने पांच ‘अ’ पर जोर दिया और इसका अर्थ समझाते हुए कहा कि आस्था, आत्म संयम, आत्मीयता, आत्म विश्वास तथा अध्यात्मिकता के गुणों को अपने जीवन में अपनाकर वे लोगों को ‘गुड गवर्नेंस’ दे सकते हैं। उन्होंने सिविल सेवा के नव चयनित अधिकारियों से सीधा संवाद स्थापित करते हुए कहा कि आपमें देश, राष्ट्रजन और संस्कृति के प्रति आस्था होनी चाहिए और आपके अंदर आत्म संयम हो तथा आप किसी परिस्थिति में अपना आत्म विश्वास ना खोएं । जब भी कोई व्यक्ति अपनी समस्या लेकर आपके पास आए तो स्वयं को उसके स्थान पर रखें अर्थात् उसके साथ आत्मीयता का भाव हो, तब आप जनता की सेवा ठीक प्रकार से कर पाएंगे। उन्होंने अध्यात्मिकता का अर्थ समझाते हुए कहा कि आपने अपनी इच्छाओं में नियंत्रण रखना है और यही निष्काम कर्म का संदेश भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद् भागवद् गीता में दिया है।


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उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल के शब्दों में सिविल सर्वेन्ट्स को भारत की सरकारी मशीनरी का स्टील फ्रेम वर्क बताया और कहा कि सिविल सर्वेंट्स में चार ‘सी’ का होना जरूरी है जिसमें कैलीबर, कपेसिटी, कंडक्ट और करेक्टर शामिल हैं। राज्यपाल ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करके आप ने कैलीबर और कपेसिटी तो साबित कर दी है परंतु अब लोगों के साथ अपने आचरण और व्यवहार से कैरेक्टर और कंडक्ट को भी साबित करना है। राज्यपाल ने सिविल सेवा परीक्षा में देशभर में दूसरे स्थान पर रही अन्नु कुमारी द्वारा सभी उम्मीदवारों को दहेज नहीं लेने का संकल्प लेने की बात का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि इन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा ही उत्तीर्ण नहीं की है बल्कि इनके मन में संवेदनशीलता भी है।

खेल ही नहीं, आईएएस देने में भी आगे

इससे पहले अपने विचार रखते हुए राज्य निर्वाचन आयुक्त दलीप सिंह ने सिविल सेवा के सभी नव चयनित अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि सिविल सेवा परीक्षा के लिए देश में लगभग 10 लाख उम्मीदवार आवेदन करते हैं और उनमें से विभिन्न चरणों की परीक्षा के बाद एक हजार से भी कम का चयन किया जाता है। उनमें लगभग 50 युवा हरियाणा से हों, तो प्रदेश का मस्तक ऊंचा हो जाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा खेलों मे तो आगे था ही, अब लगता है कि संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भी परचम लहराएगा। साथ ही दलीप सिंह ने बताया कि पिछले 3-4 साल से सिविल सेवा परीक्षा में 250 अंको का ‘ऐथिक्स’ अर्थात् नैतिक आचरण का पेपर भी शुरू किया गया है।

गुरुग्राम के उपायुक्त एवं श्रीमाता शीतला पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य प्रशासक विनय प्रताप सिंह ने राज्यपाल तथा आए हुए अन्य अतिथियों का स्वागत किया। देशभर में सिविल सेवा परीक्षा में दूसरे स्थान पर रहने वाली सोनीपत जिला की अन्नु कुमारी तथा तीसरे स्थान पर रहने वाले सिरसा जिला के सचिन गुप्ता ने अपने परीक्षा की तैयारियों के दिनों के अनुभव सांझे किए। अन्नु कुमारी ने कहा कि अपने ढाई वर्ष के बेटे से दूर रहना उसके लिए एक चुनौती थी। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में संघर्ष और चुनौतियां होती हैं परंतु वह यह सोचकर अपनी तैयारी में लगी रही कि यह वक्त भी गुजर जाएगा, हमेशा ऐसा नही रहेगा। अन्नु कुमारी ने महिला सशक्तिकरण के बारे में अपने विचार रखे और कहा कि वे महिला प्रधान समाज नहीं चाहती बल्कि समाज में महिला व पुरुष दोनो के लिए बराबरी चाहती है। साथ ही अन्नु कुमारी ने कहा कि नव चयनित सिविल सेवा के अधिकारी समाज के लिए पथ प्रदर्शक हैं, इसलिए आज के दिन सभी यह संकल्प करें कि ‘जब आपकी शादी हो, कृप्या दहेज ना लें’।

सिविल सेवा से पहले दो बार फेल हुआ

सिविल सेवा परीक्षा में तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले सचिन गुप्ता ने अपने विचार रखते हुए कहा कि इस परीक्षा से पहले तो वे पूरी तरह से फेल्योर थे। वह डिफेंस में अधिकारी के पद पर चुने जाने के लिए होने वाले एसएसबी में आठ बार फेल हुए और सिविल सेवा परीक्षा के पहले प्रयास में भी वे फेल हो गए। इसके बावजूद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इन असफलताओं से उभरने में उनके पिता की सीख ने काफी मदद की।

सचिन गुप्ता ने बताया कि उनके पिता कहते हैं कि जीवन में सभी के सामने समस्याएं आती हैं, उनका समाधान भी होता है। उनके पिता कहते थे कि स्वयं का आंकलन करते रहें और आपकी मेहनत ही सफलता दिलाएगी। साथ ही उन्होंने पोजिटिव सोच अर्थात् सकारात्मक दृष्टिकोण रखने वाले व्यक्तियों के साथ रहने की भी सलाह दी। अन्नु कुमारी के आह्वान पर सचिन गुप्ता ने मंच से अपनी शादी में दहेज ना लेने की शपथ भी ली।

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