कजान (रूस)। फीफा विश्व कप के ग्रुप-बी में शामिल ईरान भले ही किस्मत के सहारे अपने पहले मैच में जीत दर्ज करने में सफल रहा हो, लेकिन अब उसका असली मुकाबला बुधवार को 2010 की चैंपियन स्पेन से होगा। टूर्नामेंट मे एशिया की उम्मीदों का भार उठा रही ईरान को अपने पहले मैच में सेंट पीटर्सबर्ग में मोरक्को के खिलाफ 1-0 की जीत मिली थी। हालांकि उसे यह जीत उसकी किस्मत की बदौलत मिली थी जब मोरक्को के अजिज बोउहादोउज ने हेडर के जरिए गेंद को बाहर भेजना चाहा, लेकिन दुर्भाग्यवश वह गेंद को गोलपोस्ट के अंदर मार बैठे और ईरान को बिना मेहनत के जीत मिल गई।
इस जीत की बदौलत अब वह अपने ग्रुप में तीन अंकों के साथ शीर्ष पर बना हुआ है। फ्रांस में वर्ष 1998 में हुए फीफा विश्व कप के 16वें संस्करण के बाद से यह पहला मौका जब ईरान अपने ग्रुप में शीर्ष पर है। मोरक्को के खिलाफ मिली जीत से ईरान का आत्मविश्वास काफी बढ़ा हुआ है और वह इसी आत्मविश्वास के साथ स्पेन के खिलाफ मुकाबले में उतरने को तैयार है।
फीफा विश्व कप के इतिहास में ईरान की यह केवल दूसरी जीत है। उसने इससे पहले 1998 के विश्व कप में अमेरिका को 2-1 से हराया था। अपने पहले ही मैच में तीन अंक अर्जित करने के बाद अब ईरान की पूरी कोशिश अंतिम-16 में पहुंचने की होगी और इसके लिए स्पेन के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकता है।
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दूसरी तरफ स्पेन को सोचि में 15 जून को अपने पहले मैच में पुर्तगाल के
खिलाफ 3-3 से ड्रॉ खेलकर अंक बांटने पर मजबूर होना पड़ा था। हालांकि इस मैच
में टीम का प्रदर्शन शानदार रहा था और वह मैच के 88वें मिनट तक 2-1 से आगे
थी लेकिन करिश्माई खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो की हैट्रिक के चलते
स्पेन को ड्रॉ से संतोष करना पड़ा था। कोच फर्नाडो हिएरो दूसरे मैच में कुछ
बदलाव कर सकते हैं। हिएरो पहले ही कह चुके हैं कि डेविड डि गिया गोलकीपर
के रूप में अपना काम संभालना जारी रखेंगे।
स्पेन को एक बार फिर अपने स्टार
खिलाड़ी डिएगो कोस्टा और नाचो फनार्डीज से गोल की उम्मीद होगी जिन्होंने
पिछले मुकाबले में क्रमश: दो और एक गोल किए थे। ईरान के खिलाफ होने वाले
मैच में स्पेन एक बार फिर अपने स्वभाविक खेल के भरोसे उतरेगी। स्पेन की यह
रणनीति रही है कि वह गेंद को अधिक समय तक अपने नियंत्रण में रखती है और
धीरे-धीरे लय में आती है। स्पेन के पास गेंद को अधिक समय तक पास करने की
क्षमता है जो ईरान को मैच से दूर कर सकता है।
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