बुंदेलखंड: भाजपा विरोधी माहौल बनाने में जुटे कई संगठन!

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 15 जून 2018, 08:25 AM (IST)

बांदा। उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में सामाजिक कार्यो में लगे कई संगठन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से बेहद नाराज हैं। वे अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने में जुट गए हैं। इन संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बुंदेलखंड की उपेक्षा और समुचित विकास न करने का आरोप लगाया है।

उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के सात जिलों- बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी और ललितपुर में चार लोकसभा सीटें हैं और सभी सीटों पर भाजपा काबिज है। इतना ही नहीं, सभी 19 विधानसभा सीटों पर भी भाजपा का ही कब्जा है। लेकिन भाजपा पर भरोसा करने वाले अब उसके खिलाफ बोलने लगे हैं।

सामाजिक संगठन 'पब्लिक एक्शन कमेटी (पीएसी)' की प्रमुख श्वेता मिश्रा ने मंगलवार को ही सपा-बसपा गठबंधन के पक्ष में समर्थन करने का बयान जारी कर चुकी हैं। अब बुंदेलखंड आजाद सेना, नारी इंसाफ सेना, तिरहार विकास मंच, गुलाबी महिला फाउंडेशन जैसे कई सामाजिक संगठन भी भाजपा के विरोध में माहौल तैयार करने में जुट गए हैं।

बुंदेलखंड आजाद सेना के प्रमुख प्रमोद आजाद ने गुरुवार को कहा, "केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार ने अब तक बुंदेलखंड के किसानों के लिए कोई उम्दा काम नहीं किया है, इस सरकार में कर्ज और मर्ज से जूझ रहे सैकड़ों किसान आत्महत्या कर चुके हैं। भाजपा की ऋणमाफी योजना भी मजाक बनकर रह गई है।"

उन्होंने कहा, "बुंदेलखंड किसान यूनियन लगातार किसानों के हक और अधिकार की मांग लेकर आंदोलन कर रहा है, राज्य सरकार के उपमुख्यमंत्र केशव प्रसाद मौर्या और सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने किसानों को झूठ के सिवाय कुछ नहीं दिया। न तो खेती के लिए सिंचाई की व्यवस्था की गई और न ही वादे के मुताबिक 15 लाख रुपये किसी के खाते में भेजा गया।"

आजाद ने कहा, "बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा को इस मुहिम में शामिल कर विधिवत रणनीति बनाई जाएगी। साथ ही सभी संगठनों का एक मंच गठित किया जाएगा, जो भाजपा सरकारों की कारगुजारी जन-जन तक पहुंचा कर आगामी लोकसभा चुनाव में उसके उम्मीदवारों को हराने में अहम भूमिका निभाएगा।"

बुंदेलखंड में महिलाओं के हक की जोरदार पैरवी करने वाले संगठन 'नारी इंसाफ सेना' की अध्यक्ष वर्षा भारतीय ने कहा कि उनका संगठन पिछले कई सालों से प्रदेश में बिहार की तर्ज पर पूर्ण शराबबंदी की मांग करता रहा है, लेकिन सरकार राजस्व के फायदे के आगे गरीबों के उजड़ रहे परिवारों की तरफ ध्यान नहीं दिया।

वह सवाल करती हैं, "अगर सूबे के मुख्यमंत्री बूचड़खाने बंद करा सकते हैं तो शराब ठेकों पर पाबंदी क्यों नहीं लगा सकते?"

खुद को कई संगठनों के राष्ट्रीय संयोजक बताने वाले जयप्रकाश शिवहरे कहते हैं, "भारतीय जनता पार्टी अपना चुनावी वादा भूल चुकी है और हर वादे को 'एक जुमला' बताकर जनता को ठगा है, इसलिए अब बुंदेलखंड के सभी सामाजिक संगठन मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएंगे। सभी संगठनों का एक मंच गठित कर प्रदेश में बन रहे भाजपा विरोधी महागठबंधन को समर्थन दिया जाएगा।"

कुल मिलाकर अगर सामाजिक संगठन अपनी इस मुहिम को धार दे पाए तो बुंदेलखंड में भाजपा की हालत बेहद पतली हो सकती है। इसकी एक वजह यह भी है कि सांसद और विधायक जनता के बीच बहुत कम हाजिर रहते हैं, जबकि संगठनों के कार्यकर्ता गांव-देहात में घूमकर कुछ न कुछ करते ही रहते हैं, जिससे ग्रामीणों से उनके रिश्ते अच्छे होते हैं।

--आईएएनएस

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