नई दिल्ली। पीएनबी घोटाले का आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के ब्रिटेन से ब्रसेल्स भाग जाने सूचना है। कहा जा रहा है कि वह मंगलवार या बुधवार को ब्रसेल्स पहुंचा। इससे पहले नीरव के ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मांगने की खबर आई थी। बताया जा रहा है कि नीरव इस समय सिंगापुर का पासपोर्ट इस्तेमाल कर रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा है कि दो अरब डॉलर से अधिक के पीएनबी घोटाले से नीरव मोदी के परिवार को भी लाभ हुआ। ईडी के वकील हितेन वेनगांवकर ने बताया कि नीरव मोदी के अलावा घोटाले से प्राप्त धन खासकर उनकी बहन पूर्वी और परिवार के अन्य सदस्यों को मिला।
वहीं दूसरी और नीरव मोदी के बारे में इंटरपोल ने नया खुलासा किया है। इंटरपोल की ओर से भारतीय जांच एजेंसियों को बताया है कि इस साल के मार्च में नीरव मोदी ने भारतीय पासपोर्ट पर तीन देशों की चार यात्राएं की हैं। हालांकि विदेश मंत्रालय ने फरवरी में उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय एजेंसियों को 5 जून को जो पत्र इंटरपोल से मिला है, उसके अनुसार, भगोड़े नीरव मोदी ने 15 मार्च से 31 मार्च के बीच भारतीय पासपोर्ट पर अमेरिका, इंग्लैंड और हांगकांग की यात्राएं की हैं। इंटरपोल के अनुसार, उसने इस पासपोर्ट पर चार यात्राएं की हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने 24 फरवरी को नीरव मोदी और उसके अंकल मेहुल चौकसी का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया था। इसके बावजूद उसने ये यात्राएं की और सरकार को इसकी भनक भी नहीं लगी। इन दोनों के ऊपर पंजाब नेशनल बैंक का 13000 करोड़ से ज्यादा का लोन है। इसे इन्होंने चुकाया नहीं और देश से भाग गए।
ये मामला तब सामने आया था, जब पंजाब नेशनल बैंक ने इन दोनों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। लेकिन इन्हें पकड़ा जाए, उससे पहले ही ये दोनों फरार हो गए। अब अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर रहे हैं। पासपोर्ट रद्द करने के फैसले को चुनौती दी जा सकती है, लेकिन अभी तक ये पता नहीं चला है कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने ऐसा किया है।
ईडी ने पहला चार्जशीट दायर किया...
ईडी ने पिछले महीने कई करोड़ रुपए के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में नीरव मोदी और उनके पिता दीपक मोदी, बहन पूर्वी मेहता, बहनोई मयंक मेहता, भाई नीशाल मोदी एवं एक अन्य रिश्तेदार निहाल मोदी सहित 23 लोगों के खिलाफ 12,000 पृष्ठ का आरोपपत्र दाखिल किया था। ईडी ने 13,000 करोड़ रुपए से अधिक के पीएनबी घोटाले में आरोपियों को धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपी बनाया है। वेनगांवकर ने आरोपपत्र का हवाला देते हुए बताया कि पूर्वी की दुबई स्थित कंपनी ने नीरव मोदी की कुछ फर्जी कंपनियों से हीरा खरीदा लेकिन कोई भुगतान नहीं किया।
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