समस्या का हल नहीं तो पीएम मोदी के ऑफिस के बाहर धरना देंगे केजरीवाल

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 14 जून 2018, 11:42 AM (IST)

नई दिल्ली। आईएएस अधिकारियों की कथित हड़ताल को लेकर लगातार तीसरे दिन भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ उपराज्यपाल दफ्तर में धरने पर बैठे रहे। धरने का आज चौथा दिन है। इस बीच, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के दफ्तर में बुधवार से बेमियादी भूख हड़ताल शुरू कर दी।

एक दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। बुधवार को तीसरे दिन अपना संघर्ष जारी रखने का संकल्प लेते हुए पार्टी के विधायकों ने एलजी कार्यालय तक मार्च निकाला। केजरीवाल ने कहा कि रविवार से पहले समस्या का हल नहीं निकाला गया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय के बाहर धरना देंगे।

उधर, उपराज्यपाल बैजल ने बुधवार को केन्द्रीय गृह सचिव राजीव गाबा से मिलकर राष्ट्रीय राजधानी की राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि बैजल दूसरे दिन अपने कार्यालय नहीं पहुंचे। केजरीवाल अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ एलजी कार्यालय के गेस्ट रूम में धरने पर बैठे हुए हैं। केजरीवाल ने ट्विटर के जरिए आरोप लगाया कि भाजपा नीत केन्द्र सरकार आईएएस अधिकारियों को निर्वाचित सरकार के खिलाफ विद्रोह करने के लिए उकसा रही है। आप सरकार की मांगों में यह भी शामिल है कि उपराज्यपाल आईएएस अधिकारियों को उनकी हड़ताल समाप्त करने का निर्देश दें और उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें जिन्होंने चार महीने से काम को अवरुद्ध कर रखा है।

केजरीवाल ने बुधवार सुबह उपराज्यपाल के दफ्तर से ट्वीट किया कि यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय की हरी झंडी के बिना क्या आईएएस अधिकारियों का काम पर लौटना संभव है? उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'क्या मोदी सरकार दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे अच्छे कामों को बरबाद करने के लिए आईएएस अधिकारियों का इस्तेमाल एक औजार के तौर पर नहीं कर रही है?' उन्होंने कहा कि दिल्ली के विकास में रुकावटों को हटाने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।

सिसोदिया ने भी टि्वटर पर कहा कि वह भी उपराज्यपाल दफ्तर में बेमियादी भूख हड़ताल में जैन के साथ शामिल हो गए हैं। केजरीवाल और उनके कैबिनेट सहयोगी सोमवार शाम छह बजे से उपराज्यपाल के कार्यालय में धरने की शुरुआत से ही सक्रिय हैं। सिसोदिया ने ट्वीट किया, 'दिल्ली की जनता को उसका हक दिलाने और उसके रुके हुए काम कराने के लिए मैं भी अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ रहा हूं। सत्येंद्र जैन का अनशन भी मंगलवार से जारी है।'

केजरीवाल ने मंगलवार को एक मांगों पर ध्यान नहीं वीडियो जारी किया था और कहा था कि मंत्रियों के साथ उपराज्यपाल के कार्यालय में धरने पर बैठने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था क्योंकि अनिल बैजल कई बार अनुरोध करने के बावजूद दिल्ली सरकार की दे रहे थे। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के इतिहास में यह पहली बार है जब मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेटसहयोगियों ने अपनी मांगों को लेकर उपराज्यपाल के दफ्तर में रात गुजारी हों।

इस बीच, केजरीवाल और उनके कैबिनेट सहयोगियों के धरने के विरोध में आम आदमी पार्टी के बागी नेता कपिल मिश्रा और बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर उन पर काम नहीं करने का आरोप लगाया। दिल्ली विधानसभा में बीजेपी के नेता विजेन्द्र गुप्ता और विधायक मनजिन्दर सिंह सिरसा ने कहा कि आप सरकार द्वारा उनकी मांगें स्वीकार किए जाने तक वे धरना जारी रखेंगे।

बीजेपी से हाल में इस्तीफा देने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी आप नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री के सिविल लाइन्स स्थित आवास पर पहुंचे, जहां से उपराज्यपाल कार्यालय की ओर विरोध मार्च निकाला गया। आप कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को संबोधित करते हुए सिन्हा ने इस संघर्ष में केजरीवाल और आप के प्रति एकजुटता जाहिर की।

सिन्हा ने कहा कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इस समय प्रधानमंत्री होते तो गृह मंत्रालय को इस संकट का समाधान निकालने का निर्देश देते लेकिन मौजूदा सरकार सो रही है। उन्होंने कहा कि पूरा देश दिल्ली की स्थिति को लेकर चिंतित है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, 'दिल्ली के संकट का समाधान जितनी जल्दी हो जाए, देश के लिए वह उतना ही बेहतर रहेगा।' दिल्ली प्रदेश बीजेपी ने धरने की आलोचना करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है।

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मंगलवार को टि्वटर पर कहा था, 'लोकतंत्र का मजाक बना रहे हैं। कोई काम नहीं हो रहा है, सिर्फ ड्रामा हो रहा है।' बहरहाल, आप ने कहा है कि उसकी लड़ाई जारी रहेगी और मांगें माने जाने तक वह झुकेगी नहीं।

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