कैप्टन ने पार्टी नेताओं को सार्वजनिक बयानबाजी से चेताय, दी नसीहत

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 12 जून 2018, 7:10 PM (IST)

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कांग्रेस नेताओं को मीडिया और सार्वजनिक मंचों से अनर्गल बयानबाजी करने पर चेतावनी दी है। साथ ही उन्हें सलाह दी है कि पार्टी नेता पहले अपनी बात पार्टी के मंच पर रखे। उसके बाद विचार विमर्श होगा।

लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान को पंजाब कांग्रेस में शामिल करने के दिए सुझाव पर तीखी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने समूह पार्टी नेताओं को ऐसी सार्वजनिक बयानबाज़ी से परहेज करने के लिए कहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी पार्टियों के नेताओं को कांग्रेस पार्टी में लाने संबंधी कोई भी फ़ैसला लेना पार्टी हाई कमांड के अधिकार क्षेत्र में होता है। उन्होंने कहा कि पार्टी के मसलों के साथ संबंधित विचार-विमर्श करने के लिए पार्टी मंच ही सही जगह होती है।

बिट्टू द्वारा 2019 के चुनाव से पहले संगरूर से आप सांसद भगवंत मान को कांग्रेस में शामिल करने बारे दिए बयान पर हैरानी ज़ाहिर की। सिंह ने कहा कि लुधियाना के सांसद को अपने विचार या तो पार्टी के जनरल सचिव और पंजाब कांग्रेस के प्रधान के पास या फिर उनके (मुख्यमंत्री) पास ज़ाहिर करने चाहिए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा लोकतांत्रिक संस्था होने के नाते कांग्रेस पार्टी बिट्टू की सलाह पर अंदरूनी स्तर पर विचार सकती है। अंतिम फ़ैसला पार्टी हाई कमांड का होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी के नियमों के मुताबिक किसी सांसद को पार्टी में शामिल करने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान की विशेष स्वीकृति की ज़रूरत होती है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि बिट्टू पार्टी के सीनियर नेता होने के नाते पार्टी की कार्य प्रणाली से भलीभांती अवगत हैं जिस लिए उनको ऐसे मामलों में अपेक्षित प्रक्रिया अपनानी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी के साथ संबंधित मामलों को सार्वजनिक तौर पर उठाना पार्टी के संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी के अंदरूनी मसलों को उठाने या विचारने के लिए मीडिया उपयुक्त मंच नहीं है और उन्होंने सभी कांग्रेसी नेताओं को ऐसे मामलों पर अनुशासित दृष्किोण अपनाने का न्योता दिया। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि ऐसी बयानबाज़ी अटकलों को बढ़ावा दे सकती हैं जो आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिए घातक साबित जो सकती है।

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