फीफा विश्व कप : लगातार दूसरी बार परचम लहराना चाहेगा जर्मनी

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 12 जून 2018, 11:37 AM (IST)

नई दिल्ली। ब्राजील के बाद फीफा विश्व कप की सबसे सफल टीम जर्मनी मैनुएल नॉयर के नेतृत्व में 14 जून से रूस में शुरू हो रहे टूर्नामेंट के 21वें संस्करण का खिताब जीतने की प्रबल दावेदार है। जर्मनी ने 2014 में हुए विश्व कप का खिताब भी अपने नाम किया था और यूरोप का यह देश कुल चार बार इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को जीतने में कामयाब रहा है। फीफा विश्व कप में जर्मनी के दबदबे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चार बार खिताब जीतने के अलावा यह देश चार बार उपविजेता भी रहा है।

जर्मनी ने टूर्नामेंट में पहली बार वर्ष 1934 में हिस्सा लिया लेकिन टीम खिताब जीतने में कामयाब नहीं हो पाई। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जर्मनी दो हिस्सों में बंट गया जिसे पूर्व जर्मनी एवं पश्चिम जर्मनी से नाम से जाना गया। विश्वयुद्ध के प्रभाव के कारण जर्मनी की दोनों टीमों को 1950 में हुए विश्व कप में हिस्सा नहीं लेने दिया गया लेकिन पश्चिम जर्मनी ने उसके बाद हुए सभी विश्व कप में भाग लिया।

हालांकि, पूर्व जर्मनी केवल 1974 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में सफल हो पाई। स्विट्जरलैंड में हुए 1954 विश्व कप में पश्चिम जर्मनी ने शानदार वापसी की और फाइनल मुकाबले में 50 के दशक की शुरुआत की सबसे मजबूत टीम हंगरी को 3-2 से हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया। 1966 में इंग्लैंड में हुए विश्व कप में कप्तान फ्रांज बेकनबॉयर के नेतृत्व में टीम फाइनल तक पहुंची।

हालांकि, जर्मनी खिताब से चूक गई और फाइनल मुकाबले में मेजबान इंग्लैंड ने उन्हें 4-2 से शिकस्त दी। पश्चिम जर्मनी का दोबारा विश्व कप जीतने का सपना 1974 में सच हुआ। अपने घर में खेलते हुए पश्चिम जर्मनी ने टूर्नामेंट में बड़ी टीमों को मात दी लेकिन मेजबान टीम को एक रोमांचक मुकाबले में टूर्नामेंट में पहली बार हिस्सा ले रही पूर्व जर्मनी के खिलाफ 0-1 से हार झेलनी पड़ी। पश्चिम जर्मनी समय रहते इस हार से उबरी और फाइनल मुकाबले में नीदरलैंड्स को 2-1 से हराकर खिताबी जीत दर्ज की।

पश्चिम जर्मनी की फुटबॉल टीम ने 80 के दशक में भी अपने दबदबे को जारी रखा अगले तीन में से दो विश्व कप की उपविजेता रही। 1990 में हुए विश्व कप में उसने तीसरी बार खिताब पर कब्जा किया। टीम पूरे टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं हारी और फाइनल मुकाबले में अर्जेंटीना को 1-0 से मात दी।

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इटली में 1990 विश्व कप के बाद से अगले सभी विश्व कप में पूर्व एवं पश्चिम जर्मनी ने एक टीम के रूप में हिस्सा लिया। हालांकि, जर्मनी को चौथा खिताब जीतने के लिए 24 वर्षो का इंतजार करना पड़ा। पिछले विश्व कप की तरह इस बार भी जर्मनी की टीम सितारों से भरी हुई है और खिताब जीतने की प्रबल दावेदार है। विश्व कप के रूस में होने से भी जर्मनी को लाभ होगा। टीम के पास कई खिलाड़ी हैं, जिन्हें विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट खेलने का अनुभव है और वे अभी भी विश्व के शीर्ष फुटबॉल खिलाडिय़ों में गिने जाते हैं।

जर्मनी के तीनों गोलकीपर मैनुअल नॉयर, माके आंद्रे टेर स्टेगन एवं केविन ट्रैप अपने क्लब के नंबर-1 हैं और इन्हें भेदना किसी भी टीम के फॉरवर्ड खिलाडिय़ों के लिए आसान नहीं होगा। जर्मनी का डिफेंस भी बेहद मजबूत है, जेरोम बाआटेंग और मैट्स हुमल्स के अलावा जोशुआ किमिच एवं एंटोनियो रुडिगेर पर सबकी निगाहें होंगी। मिडफील्ड में इके गुंडोगन, सामी खेदीरा, टोनी क्रूस एवं मेसुट ओजिल का अनुभव जर्मनी को विजेता की श्रेणी में लाता है।

टीम की फॉरवर्ड लाइन थोड़ी कमजोर नजर आती है लेकिन थॉमस मुलर और टीमो वॉर्नर की मौजूदगी विपक्षी टीम के डिफेंस के लिए चिंता का विषय होगी। फीफा विश्व के क्वालीफाइंग दौर में जर्मनी ने अपने सभी मैचों में जीत दर्ज की। विश्व कप के लिए जर्मनी को मेक्सिको, स्वीडन एवं दक्षिण कोरिया के साथ ग्रुप-एफ में रखा गया और टीम अपना पहला मैच 17 जून को मेक्सिको के खिलाफ खेलेगी।

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