मुंबई। केन्या को 3-0 से हराकर हीरो इंटरकॉन्टिनेंटल कप के फाइनल में पहुंची भारतीय फुटबॉल टीम के कोच स्टीफन कांस्टेंटाइन ने कहा है कि वे शुरू से ही इस लक्ष्य को हासिल करना चाहते थे। अपना 100वां मैच खेल रहे कप्तान सुनील छेत्री की ओर से दूसरे हाफ में किए गए बेहतरीन दो गोल और जेजे लालपुख्लुआ के एक गोल की मदद से भारत ने सोमवार को केन्या को 3-0 से हराकर टूर्नामेंट में अपनी दूसरी जीत दर्ज की। मेजबान भारत ने पहले मुकाबले में चीनी ताइपे की 5-0 से करारी मात दी थी।
कांस्टेंटाइन ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुश्किल परिस्थितियों में इस शानदार जीत के लिए मैं खिलाडिय़ों को बधाई देना चाहता हूं। हमने पहले हाफ में अच्छा खेल नहीं दिखाया। लेकिन इस जीत ने हमें टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा दिया। हम शुरूआत से ही इस लक्ष्य को हासिल करना चाहते थे। उन्होंने कहा, केन्या की जो भी टीम खेलने आती है वह हमेशा काफी मजबूत होती है। इस मैच में खेल का स्तर असाधारण था। चीनी ताइपे के खिलाफ खेला गया मुकाबला भी उच्च स्तरीय था।
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छेत्री के अनुरोध के बाद मुंबई फुटबॉल एरीना में करीब 8500 दर्शक मैच देखने
आए जबकि इससे पहले केवल 2500 दर्शक ही मैदान में पहुंचे थे। कोच ने इस पर
कहा, मुझे नहीं लगता है कि राष्ट्रीय टीम के मैच को देखने के लिए हमें
लोगों से भीख मांगनी चाहिए। टीम ने अपने प्रदर्शन से जो जवाब दिया है वह
अविश्वनीय है। पहले मैच में दर्शकों की संख्या निराशाजनक थी। मुझे उम्मीद
है कि अगले दो मैचों में स्टेडियम पूरी तरह से भरा रहेगा।
मैच के सबसे
वैल्यूएबल प्लेयर का पुरस्कार पाने वाले डिफेंडर संदेश झिंगन ने कहा कि
मुंबई में खेलना हमेशा से अच्छा रहा है। मैं खुश हूं कि हर कोई अपने चेहरे
पर मुस्कान के साथ वापस जा सकता है। उन्होंने कहा, खचाखच भरे दर्शकों के
सामने खेलने में हमें कोई दबाव नहीं होता है। जब वे स्टेडियम में होते हैं
तो अच्छा करने के लिए और अधिक प्रेरणा मिलती है। हमें पता था कि इसमें
अच्छा करना है और हमने किया।
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