सिटी पैलेस में बच्चों को सिखाई जा रही है मिनिएचर पेंटिंग की कलाएं

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 25 मई 2018, 7:04 PM (IST)

जयपुर। जयपुर के सिटी पैलेस म्यूजियम में चल रहे एक माह के समर ट्रेनिंग कैम्प (सांस्कृतिक विरासत प्रशिक्षण शिविर) के तहत इन दिनों पेंटिंग वर्कशॉप आयोजित की जा रही है। इस वर्कशॉप में लगभग 150 बच्चे भाग ले रहे हैं, जो मिनिएचर पेंटिंग की कलाओं के बारे में सीख रहे हैं। समर कैम्प के समन्वयक रामू रामदेव ने यह जानकारी दी।
रामदेव ने बताया कि हालांकि इस कैम्प की थीम ‘पाणिग्रहण संस्कार’ पर है, लेकिन यह पेंटिंग वर्कशॉप ‘बारह मासा’ पर आधारित है। कैम्प में बच्चों को ‘पारम्परिक लघु चित्र चित्रण’ सिखाया जा रहा है, जिसे मिनिएचर पेंटिंग भी कहा जाता है। इसकी उत्पत्ति हिंदू धर्म व जैन धर्म के प्राचीन धार्मिक ग्रंथों से हुई हैं। इन चित्रों में विवरण अत्यंत जटिल होते हैं और ये आकार में छोटे होते हैं।
वर्कशॉप के तहत प्रतिभागी बच्चे राजस्थान के तीज, गणगौर, होली व सावन जैसे त्योहारों व मौसमों पर आधारित पेंटिंग्स बना रहे हैं। इन पेंटिंग्स में बताया गया है कि एक स्त्री परदेस काम पर जा रहे अपने पति को आगामी त्यौहार का बहाना बताते हुए किस प्रकार से रोकने की कोशिश करती है। सिटी पैलेस की सिमिट्री व मिरर इमेज वाली वास्तुकला को ध्यान में रखते हुए इन पेंटिंग्स में ‘मिरर’ की अवधारणा पर भी जोर दिया जाएगा।





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वर्कशॉप के प्रारंभिक दिनों में प्रतिभागियों को मिनिएचर पेंटिंग्स व स्केचिंग की आधारभूत जानकारी दी जा रही है। आगामी दिनों में इन्हें रंगों के साथ-साथ पेंटिंग के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। इस वर्कशॉप में रामू रामदेव के अलावा बच्चों को श्यामू रामदेव, हेमंत रामदेव, बाबूलाल मारोठिया एवं बद्रीनारायण द्वारा भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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