ब्यास में शीरे के बहाव मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा-कैप्टन

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 23 मई 2018, 10:25 PM (IST)

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ब्यास नदी में सीरा लीक होने के मामले में किसी भी तरह की नरमी या लापरवाही इस्तेमाल किए जाने के विरुद्ध कड़ी चेतावनी देते हुए संबंधित एजेंसियोँ को दोषियों के विरुद्ध प्रभावशाली कानूनी और दंडात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
विभिन्न सरकारी एजेंसियोँ द्वारा की गई कार्यवाही संबंधी प्रगति का जायज़ा लेते हुए मुख्यमंत्री ने इस घटना संबंधी शुरू की जांच के सम्बन्ध में पर्यावरण विभाग से कल तक विस्तृत रिपोर्ट माँगी है जिससे मछलियों के जीवन को बड़ा नुक्सान हुआ है और नदी का पानी प्रदूषित हुआ है। इसके अलावा इससे फरीदकोट, मुक्तसर और फाजिल्का नामक दक्षिणी जिलों में नहर आधारित जल-स्पलाई में विघ्न पड़ा है।

इसका खुलासा करते हुए आज यहाँ एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस घटना के दोषियों के विरुद्ध ढील न इस्तेमाल करे जाने को यकीनी बनाने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के लिए भी कहा है।

इस मामले की जांच करने वाली विभिन्न एजेंसियोँ को निर्देश जारी करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस संबंधी जांच में तेज़ी लाने के लिए कहा है जिससे इस घटना के दोषियों का पता लगाकर उनके विरुद्ध जल्द से जल्द कार्यवाही की जा सके।

प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड 24 मई को इस मामले संबंधी औपचारिक सुनवाई कर रहा है। उन्होंने बताया कि मछलियों के जीवन को हुए नुक्सान के कारण वन्य जीव विभाग ने पहले ही पैरवी शुरू कर दी है। इसी तरह जल संसाधन विभाग ने भी नहरी और ड्रेनेज एक्ट के अंतर्गत अपराधियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है।

मुख्यमंत्री ने प्रभावित इलाकों को नहरी पानी की की जा रही सप्लाई के मानक संबंधी उठाए गए कदमों का भी जायज़ा लिया। विभिन्न स्थानों से पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा लिए गए नमूनों पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार नहरी पानी का मानक लगभग आम जैसा हो गया है। प्रवक्ता के अनुसार स्थिति को और स्थिर करने के लिए मुख्यमंत्री ने ब्यास नदी में तुरंत अतिरिक्त ताज़ा पानी छोड़े जाने के आदेश जारी किये हैं।
प्रवक्ता के अनुसार प्रभावित जिलों के गाँवों और कस्बों को जल स्पलाई के लिए जि़म्मेदार जल स्पलाई और सेनिटेशन तथा स्थानीयनिकाय विभाग पानी के मानक की नियमित तौर पर जांच कर रहे हैं। यह जांच वाटर वर्कस और असंसाधित नहरी पानी की की जा रही है। डिप्टी कमीश्नरों द्वारा सम्बन्धित विभागों के साथ जल स्पलाई पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और इस समय स्थिति नियंत्रण में है।
प्रवक्ता के अनुसार एहतियाती कदमों के तौर पर जल स्पलाई एजेंसियोँ ने वाटर वर्कस की सफ़ाई भी शुरू की है जिससे स्थानीय लोगों को किसी भी तरह के दूषित पानी की स्पलाई होने की संभवाना को ख़त्म किया जा सके। वाटर वर्कस की सफ़ाई के दौरान ज़रूरत पडऩे पर जहां आवश्यकता हो वहां एजेंसियोँ द्वारा आरओ प्लांटों या टैंकरों के द्वारा मुफ़्त जल स्पलाई के अंतरिम प्रबंध भी किये जाएंगे।

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