जब बहकने लग जाए पति के कदम तो ऐसे पाएं समस्या से पार

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 23 मई 2018, 6:18 PM (IST)

घर से बाहर लिफ्ट मिलते ही पुरूषों को फिसलते देर नहीं लगती पर वह फिसलन अपने साथ कुछ निशान भी छोड जाती है जिस से पत्नियों को सजग हो जाना चाहिए। किसी भी स्त्री के पति को इश्क का रोग लग जाना कोई छोटी-मोटी घटना नहीं, इस रोग का गंभीर रूप उन के बीच तलाक तक का कारण भी बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि पत्नी इस रोग के लक्षणों को तभी पहचाने जब उसके पति के कदम ताजाताजा भटकने आरंभ ही हुए हौं। तब तो ये लक्षण ही उसे चेता सकेंगे। दूसरी महिला से प्रेम का चक्कर चलाने को उत्सुक पति का व्यवहार बदले बिना नहीं रह सकता। उस पर मानसिक व भावनात्मक दबाव बहुत ज्यादा रहता है।

चूंकि वह जीवनसंगिनी को धोखा देने की राह पर कदम बढा रहा है तो कभी नए नए रोमांस की उत्तेजना जकडेगी तो कभी पत्नी को छलने का अपराधबोध। वह इस अफेयर को छिपाकर रखना चाहता है,उसे अपनी बदनामी का डर सताता है,दो नावों की सवारी करने की टेंशन, चिढ़ और गुस्सा उसे जक़डते हैं, उसे प्रेमिका की नजरों में अपनी छवि सुधारनी है,उस का दिल जीतना है,उससे मिलने का समय निकालना है तो ये सारी बातें उसके लिए बडी समस्या बन जाती हैं। पतिदेव की आय सीमित हो तो आर्थिक कठिनाइयां तंग करेंगी क्योंकि इश्क लडाना खर्चीला सौदा है। पति में आ रहे ऎसे सारे बदलावों को वह पत्नी जरूर पकड लेगी जो ऎसी किसी अनहोनी आशंका के प्रति पहले से सजग हो। पति के दिलफेंक स्वभाव की पहचान उसे चौकन्ना रखने मे सहायक सिद्ध होगी।


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इश्क की पतंग ऊंची उडाने के चक्कर में फंसे पतिदेव का व्यवहार बदलेगा। पत्नी को वह कभी बेवजह बहुत प्रसन्न नजर आएंगे, कभी तनावग्रस्त व चि़डचिडे से। प्रेमिका का व्यवहार इन जनाब का मूड निर्धारित करने लगता है। उस की पंसद-नापसंद के अनुरूप जीने का प्रयास शुरू हो जाता है। प्रेमिका की यादों में खोए साहब पत्नी की बगल में होते हुए भी कहीं दूर होते हैं। कई बार कहने पर कुछ समझ में आएगा, वार्तालाप का सिरा बारंबार खो देंगे व चौंक-चौंक जाएंगे। अपने सपनों की रानी का दिल जीतने के प्रयास करना जरूरी हो जाता है। वजन, खास कर तोंद कम करने के लिए घूमना व व्यायाम करना दिनचर्या में शामिल हो जाएगा। अपने डौले चेक करते हुए दिन में कई बार पत्नी उन्हें पकड सकती है। उन की प्रेमिका की पसंद अब उनका वार्डरोब निर्धारित करेगी। नए रंग व नए स्टाइल में खुद को आकर्षक बनाने का पतिदेव का प्रयास पत्नी सहित बाकी लोगों को न जंचे तो भी वह उसे बदलेंगें नहीं।


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सज-संवर कर आकर्षक बनना है तो शीशे के सामने उन का ज्यादा वक्त बीतेगा ही। जूते पॉलिश कर रोज चमकाए जाएंगे। दाढ़ी बडे़ ध्यान से बनेगी। डिओ और सेंट की खरीददारी में बढ़ोतरी होगी। घर से महकते हुए निकलेंगे साहब। वापसी में उनके कपडों से अगर लेडीज सेट की खुशबू पत्नी अगर पकड ले तो रोग का निदान पक्का हो जाएगा। पतिदेव को प्रेमिका के साथ घूमने फिरने के लिए समय भी निकालना पडेगा। घर देर से पहुंचने के झूठे बहाने बनाना उन की मजबूरी ही समझा जाना चाहिए। किसी बीमार दोस्त को देखने जाने के मौके बढने लगेंगे। दोस्त भी ऎसा होगा जिस से बीवी की मुलाकात होने की उम्मीद न के बराबर हो। अर्जेट मीटिंगों की संख्या बढने लगेगी। ओवरटाइम करने का जोश अचानक बढ जाएगा। पत्नी को शाम की चाय व रात का खाना अगर आए दिन अकेले खाना पडे तो उसे चौकन्ना हो जाना चाहिए। इश्क के शुरूआती दिनों में रोमांस की बैटरी प्रेमिका चार्ज करती है और इसका फायदा पत्नी को भी पहुंचता है। कहीं का जोश कहीं उतरता है। तब पत्नी इस भ्रम का शिकार हो सकती है कि उसके साहब उसके पहलने से ज्यादा प्यार करने लगे हैं। बाद में प्रेमिका से तुलना कर के पतिदेव पत्नी से खीजने लगेंगे। तब रोमांस की जगह उदासीनता, चिढ व तानों का सामना करना पड सकता है पत्नी को।

यौन संबंधों में पति की तरफ से अकारण बहुत ज्यादा बदलाव आना उन की जिंदगी में दूसरी औरत के वजूद का सूचक हो सकता है, पत्नी इसे सदा याद रखे। पति के मन का अपराधबोध, चिढ व तनाव उसे पत्नी से आंखें मिला कर बात नहीं करने देते। उस की उपस्थिति में वह या तो कटा-कटा सा रहता है या बेकार के झगडे शुरू कर देगा। प्रेमिका से मिलने की राह का कांटा प्रतीत होने वाली पत्नी से पतिदेव के संबंध धीरे-धीरे अपनी सहजता व आत्मीयता खोने लगेंगे।

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साथ-साथ नई फिल्म देखते हुए पत्नी को एहसास हो सकता है कि पतिदेव की दिलचस्पी फिल्म में नहीं है। क्या इन्होंने यह फिल्म किसी के साथ पहले तो नहीं देख ली हैक् जिस पत्नी के मन में यह सवाल नहीं उठेगा, वह दूसरी औरत की उपस्थिति को बडी देर से ही पकड सकेगी। पत्नी मायके जाने का जिक्र छोडे और पति की आंखों में खुशी की चमक चंद ही पलों की नजर आए तो समझ लें कि दाल में कुछ काला है। पति के व्यवहार व स्वभाव मे ऎसे बहुत से बदलाव पत्नी नोट कर सकती है जो उसके जीवन में प्रेमिका की मौजूदगी की तरफ इशारा करेंगे लेकिन ये बदलाव पक्के सुबूत नहीं बन सकते। उसे अपने शक को यकीन में बदलने का सुबूत पति की आंखों में गहराई से झांकने पर साफ नजर आ सकता है। वहां उसे प्यार,खुशी,संतोष व अपनेपन के बजाय नाराजगी,चिढ,शिकायतें,उदासीनता, अपराधबोध, नफरत व गुस्से जैसे भाव अकारण नजर आएं तो उसे समझ लेना चाहिए कि दोनों के दिलों के बीच दूरियां बढ़ गई हैं और इस के पीछे दूसरी औरत की मौजूदगी हो सकती है।

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जब पति अपनी प्रेमिका की खातिर पत्नी से दूर होने का फैसला मन ही मन कर लेता है तब इश्क का रोग गंभीर रूप ले लेता है। पति तलाक लेने का इच्छुक बन जाएगा या फिर मानसिक व भावनात्मक स्तर पर कैसा भी संबंध पत्नी के साथ कायम रखने में उस की दिलचस्पी नहीं होगी। अब प्रेमिका के अस्तित्व को पत्नी की नजरों से छिपा कर रखने में पति की दिलचस्पी नहीं रहती। गुस्सा उस की नाक पर रहता है और आंखों से छोटी सी बात पर भी नफरत की चिनगारियां बरसने लगेंगी। उसे पत्नी के सुख-दुख से कोई वास्ता नहीं रहता। बेमेल जोडी बन जाने के दुखडे रोने के साथ-साथ वह पत्नी को छुटकारा पाने की धमकी खुलेआम देने लगता है। झगडों के बाद की खामोशी बडी गहरी होती है। पत्नी कोशिश कर के भी उसका ध्यान, प्रेम या सहानुभूति नहीं पा सकती। उसे बारबार महसूस होता है कि मानों उस का ध्यान,प्रेम या सहानुभूति नहीं पा सकती। उसे बारबार महसूस होता है कि मानो उस ने अपने पति को सदा को लिए खो दिया है। उस का रोना,आंसू बहाना, गिडगिडाना पति के अंदर कोई बदलाव नहीं ला पाता है। पति को लगे इश्क के रोग का इस स्टेज पर इलाज संभव नहीं। पत्नी चाह कर भी दिलों के बीच की खाई को नहीं पाट पाएगी। अब उस का प्यार,उस की सेवा व समर्पण भी पति को चिढाएगा ही। पति के दूसरी औरत से चल रहे इश्क के बुखार को उतारने के लिए पत्नी को आरंभिक लक्षण पकड में आते ही पूरी ताकत से प्रयास शुरू कर देने चाहिए तभी वह समस्या का समाधान भी पा सकती है।

पति आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी हों तो डर कर अकारण ही उन पर शक करने की नासमझी भी न दिखाएं। किसी स्त्री के साथ उन का चक्कर चलने की जानकारी मिले तो बौखला जाना भी ठीक नहीं। इस स्थिति में रोने-धोने, झग़डने व शिकायतें करने से मामला दब तो सकता है, पर सुलझेगा नहीं। अपने दाम्पत्य संबंधों पर गंभीर दृष्टि डालें और अपनी कमियों को सुधारने पर ज्यादा ध्यान दें। मौखिक संवाद से ही नहीं बल्कि एक्शन से भी समस्या समाधान के लिए ठोस कदम उठाएं। पति को उन के गलत कदमों के दूरगामी परिणाम शांतिपूर्ण ढंग से समझाएं। अपने व्यक्तित्व को आकर्षक बनाने के लिए उसे निखारें व नयापन लाएं, दूसरी औरत से उन्हें दूर करने को शोर मचाने से ज्यादा खुद को उनके दिल के करीब लाने वाले प्रयास करना ज्यादा जरूरी है। यानी अपने कर्तव्यों को निभाते हुए अधिकारों की मांग करें।

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