दुनिया के सबसे अमीर मंदिर में 100 करोड़ का घोटाला! हटाए गए मुख्य पुजारी

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 23 मई 2018, 2:17 PM (IST)

हैदराबाद। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भाजपा और तेलगूदेशम पार्टी के बीच जो विवाद शुरू हुआ था, वह 21 मई को आंध्र प्रदेश के विश्व विख्यात तिरुपति मंदिर के चढ़ावे की लूट खसोट तक पहुंच गया। तिरुपति बालाजी मंदिर में घोटाले के आरोप लगे हैं। मौजूदा मंदिर प्रशासन पर करोड़ों रुपए का घोटाला करने के आरोप लगे हैं। इन्हीं आरोपों के बीच मंदिर के मुख्य पुजारी को हटा दिया गया है। पुजारी रमन्ना दीक्षितुलु ने आरोप लगाया था कि तिरुपति मंदिर प्रशासन मंदिर में चढ़ावे का दुरुपयोग करता है।

मुख्य पुजारी रमन्ना ने आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मन्दिर के बोर्ड सदस्यों को सीएम चुनते हैं। मंदिर के मुख्य पुजारी रहे रामाना ने अंग्रेजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू ने मंदिर के ऐतिहासिक रसोई घर को खुदवाया और हजारों करोड़ों रुपए का माल ले गए।

मैंने मुख्य पुजारी की हैसियत से विरोध भी किया, लेकिन मुख्यमंत्री के आदेशों के चलते मेरा विरोध दब गया। रामाना ने बताया कि तिरुपति मंदिर बोर्ड पर पूरी तरह राज्य सरकार का ही नियंत्रण है। कई बार सरकार मंदिर के चढ़ावे की राशि का उपयोग सरकार की योजनाओं में कर लेती है, जबकि बोर्ड के विधान के अनुसार चढ़ावे की राशि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं और मंदिर में होने वाले धार्मिक कार्यों पर ही खर्च होनी चाहिए। लेकिन मुख्यमंत्री नायडू ने चढ़ावे का जमकर दुरुपयोग किया है।

रोजाना तीन करोड़ रुपए नकद और सोना-चांदी...
मुख्य पुजारी ने बताया कि मंदिर परिसर में जो दान पेटियां रखी हुई हैं उनमें रोजाना तीन करोड़ रुपए से भी ज्यादा की राशि प्राप्त होती है। मंदिर में डायमंड, सोना चांदी आदि अलग है। पूर्व में सोना-चांदी का संग्रह पारदर्शिता के साथ होता था लेकिन अब राज्य सरकार द्वारा गठित बोर्ड के अधिकारी अपने नजरिए से करते हैं।

अमितशाह की वजह से हटाया...

अपने इंटरव्यू में रमन्ना ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह का स्वागत करने की वजह से मुख्यमंत्री ने उन्हें मुख्य पुजारी के पद से हटवा दिया। किसी वीआईपी के आगमन पर मंदिर में मुख्य पुजारी के द्वारा स्वागत सत्कार करने की परंपरा रही है। इसलिए अमित शाह का भी मंदिर परिसर में स्वागत किया, लेकिन मुख्यमंत्री को अमित शाह का स्वागत नागवर लगा।

चढ़ावे का होता रहा उपयोग...
मुख्य पुजारी के आरोपों के जवाब में टीडीपी के नेताओं का कहना है कि तिरुपति के मंदिर में जो चढ़ावा आता है उसका उपयोग सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और समाजिक कार्यों में होता रहा है। रामाना ने राजनीतिक द्वेषता की वजह से मुख्मयंत्री पर आरोप लगाए हैं। अमितशाह के पास अनेक केन्द्रीय जांच एजेंसियां है। केन्द्र सरकार चाहे तो आरोपों की जांच करवा ले, वहीं जानकार सूत्रों के अनुसार चढ़ावे का उपयोग सरकारी योजनाओं में करने को लेकर कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इसी आरोप के बाद पुजारी रमन्ना दीक्षितुलु को हटा दिया गया है।

मालूम हो कि इस प्राचीन मंदिर में गरीबों के साथ बड़े-बड़े कारोबारी, फिल्मी सितारे और राजनेता दर्शन के लिए पहुंचते हैं। हर साल लाखों लोग तिरुमाला की पहाडिय़ों पर उनके दर्शन करने आते हैं। तिरुपति के इतने प्रचलित होने के पीछे कई कथाएं और मान्यताएं हैं। इस मंदिर से बहुत सारी मान्यताएं जुड़ी हैं।

मान्यता है कि तिरुपति बालाजी इस मंदिर में अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में रहते हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर के मुख्य दरवाजे के दाईं ओर एक छड़ी है। कहा जाता है कि इसी छड़ी से बालाजी की बाल रूप में पिटाई हुई थी, जिसके चलते उनकी ठोड़ी पर चोट आई थी। मान्यता है कि बालरूप में एक बार बालाजी को ठोड़ी से रक्त आया था। इसके बाद से ही बालाजी की प्रतीमा की ठोड़ी पर चंदन लगाने का चलन शुरू हुआ।

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