पति-पत्नी के रिश्ते में मधुरता लाने के लिए करें ये उपाय

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 21 मई 2018, 5:38 PM (IST)

खुशियां जो सुकून देती हैं, बदले में कुछ बहुत कम चाहती हैं, थोडा सा त्याग, थोडा सा समर्पण करने को हरदम रहें तैयार तो कामयाब विवाह जैसा सौदा बुरा नहीं, कभी भी कहीं भी...

छोटी-छोटी बातें संबंधों को बना भी देती हैं और बिगाड भी देती हैं। प्रोत्साहन के लिए सौफ्ट होना बहुत महत्वपूर्ण होता है। समर्थन या विरोध किसी भी बात को कडे ढंग से न कह कर हल्के तीरके से कह कर करें, फिर देखें उस का नतीजा।

दोस्त बनें- जब आप साझा बेहतरी के संदर्भ में सोचते हैं, तो दोस्त बनने की भूमिका महत्तपूर्ण हो सोचते हैं, तो दोस्त बनने की भूमिका महत्तपूर्ण हो जाती है। दोस्त वह होता है जिस पर आप विश्वास करते हैं और जिस में आप की आस्थ होती है, जो आप को हर सूरत में पसंद करता है, आप की बात सुनता है और उन गुणों को मुखर कर देता है जिन्हें आप सामान्य तौर पर व्यक्त नहीं कर पाते।


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अपनी भावनाओं को व्यक्त करें- एक पत्नी ने बताया कि उसकी शादी में खालीपन और सूनेपन के अलावा कुछ नहीं है। इसके लिए उसने अपने पति को दोषी ठहराया क्योंकि कुछ वर्ष पहले उन की बेटी के निधन पर उसे अपने पति से पर्याप्त सांत्वना नहीं मिली थी। उस ने एक मैरिज काउंसलर को बताया, अक्सर जब मन उदास होेता है तो जी करता है कि वह मुझे अपने सीने से लगा लें। क्या आप ने यह बात अपने पति की बताई। काउंसलर ने पूछा नहीं मेरे कहे बगैर उसे खुद एहसास होना चाहिए। महिला ने जवाब दिया। बाद में काउंसलर ने यह बात उसके पति को बताई। पति तैयार था। उसे बस इतना बताने की जरूरत थी कि वह अपनी पत्नी की भावनाओं के प्रति संवेदनशील रहे। पत्नी के लिए भी आवश्यक था कि वह अपनी भावनाओं को व्यक्त करें।


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परिवर्तन से डरें नहीं- पमय के साथ व्यक्ति और संबंध बदल जाते हैं। कला यह है कि सकारात्मक दिशा में बदलें। कभी-कभी पति अपनी पत्नी के विकास का विरोध करता है, उसे डर होता है कि घर में उसकी हुक्मरानी समाप्त हो जाएगी। कभी पत्नी को अपने पति की पदोन्नति से डर लगता है। कि कहीं वह पीछे न छूट जाए। लोग अक्सर शिकायत करते हैं कि तुम वह नहीं हो जिससे मैं ने शादी की थी। लेकिन खुश व सफल दंपती जानते हैं कि परिवर्तन जश्न मनाने का अवसर होता है उदासी करने का नहीं।

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