GOOGLE ने एंड्रॉयड पी बीटा से उठाया पर्दा, ये फीचर हैं दमदार, जानें आखिर क्यों

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 20 मई 2018, 5:16 PM (IST)

नई दिल्ली। गूगल ने अपने वार्षिक कॉन्फ्रेंस आई/ओ 2018 में एंड्रॉयड पी बीटा (एंड्रॉयड पी डेवलपर प्रिव्यू 2) से पर्दा है। यह बिल्ड अब गूगल पिक्सल डिवाइस के अलावा उन डिवाइस के लिए उपलब्ध है जिसमें कंपनियों ने प्रोजेक्ट ट्रेबल को इंप्लिमेंट किया है। इनमें
OnePlus 6, Nokia 7 Plus, Sony Xperia XZ2, Xiaomi Mi Mix 2S, Oppo R15 Pro, Vivo X21 and the Essential PH‑1 phone शामिल हैं।


इन डिवाइस को इस्तेमाल करने वाले यूजर को Android beta प्रोग्राम के लिए इनरोल करना होगा। इसके बाद यूजर को करीब 24 घंटे में ओटीए के जरिए बिल्ड मिल जाएगा। इस टेक कंपनी ने लेटेस्ट डेवलपर प्रिव्यू 2 के जरिए जारी एंड्रॉयड पी के कई फीचर के बारे में जानकारी दी। बता दें कि इन फीचर के बारे में मार्च में जारी किए गए डेवलपर प्रिव्यू 1 में कोई जानकारी नहीं दी गई थी।


यूजर को ज्यादा कंसिस्टेंट बैटरी एक्सपीरियंस
Android P Beta (Android P DP2) के अहम फीचर में से एक है एडेप्टिव बैटरी। यह यूजर को ज्यादा कंसिस्टेंट बैटरी एक्सपीरियंस देगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑन-डिवाइस मशीन लर्निंग की मदद से नया एंड्रॉयड पी फीचर यूजेज पैटर्न को एडेप्ट करके बैटरी को यूजर द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाले ऐप और सर्विस के लिए प्रायरटाइज करेगा। इन्हें ‘एक्टिव, फ्रीक्वेंट, रेयर और वर्किंग सेट’ कैटेगरी में बांटा जाएगा। इसके बाद बैटरी को प्रायरटाइज किया जाएगा। कंपनी का कहना है कि इसकी मदद से यूजर आम इस्तेमाल में अपने एंड्रॉयड डिवाइस से ज्यादा बेहतर परफॉर्मेंस पा सकेंगे।


ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

एंबियंट लाइटनिंग परिस्थितियों के आधार पर नियंत्रित करता है ब्राइटनेस
Android P का एक और फीचर है, एडेप्टिव ब्राइटनेस। गूगल का कहना है कि ऑटोमैटिक ब्राइटनेस लंबे समय से एंड्रॉयड पर उपलब्ध रहा है। यह फीचर एंबियंट लाइटनिंग परिस्थितियों के आधार पर ब्राइटनेस नियंत्रित करता है। लेकिन कई यूजर इसके बाद भी ब्राइटनेस स्तर में बदलाव करना पसंद करते हैं।


ऐसा करने से यह फीचर किसी काम का नहीं रह जाता। इसलिए एडेप्टिव ब्राइटनेस मशीन लर्निंग को इस्तेमाल में लाएगा। ऐसा करके डिवाइस एंबियंट लाइटनिंग परिस्थितियों के साथ यूजर की पसंद और अन्य कारकों को ध्यान में रखकर ज्यादा बेहतर ब्राइटनेस प्रदान करेगा। इस तरह से यूजर को खुद ब्राइटनेस लेवल में बदलाव करने से छुटकारा मिल जाएगा।


एक्शन्स एंड्रॉयड के अलग-अलग इंटरफेस में भी काम करेगा
गूगल ने ऐप एक्शन्स को एंड्रॉयड पी बीटा का हिस्सा बनाया है। अब फोन यूजर को किसी एक्शन के लिए ऐप का सुझाव देगा। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई यूजर अपने हेडफोन को डिवाइस से कनेक्ट करता है तो एंड्रॉयड अपने आप ही यूजर को उसके पसंदीदा स्पॉटीफाई प्लेलिस्ट को फिर से प्ले करने का सुझाव देगा।

Google का कहना है कि एक्शन्स एंड्रॉयड के अलग-अलग इंटरफेस में भी काम करेगा, जैसे- लॉन्चर, स्मार्ट टेक्स्ट सेलेक्शन, प्ले स्टोर, गूगल सर्च ऐप और असिस्टेंट।

ये भी पढ़ें - वाट्सएप, फेसबुक की लत से ये हैं नुकसान