नागपुर।
आज के दौर में एक रुपए की कोई कीमत नहीं है। अगर बात की जाए तो आज किसी
बच्चे को एक रुपए दे दिया जाए तो बच्चे भी लेने से मना कर दिया जाता है।
क्योंकि बढ़ती महंगाई ने सबकी कमर तोड दी है। आज जिस तरह से आम इंसान
महंगाई की मार झेल रहा है और कदम दर कदम पर इसका रोना रोता रहता है। लेकिन
पहले ऐसा बिल्कुल भी नहीं था।
आज हमें मामूली सी लगने वाली रकम में ही पहले
आलीशान भवन तैयार हो जाते थे। कुछ ऐसी ही है भारत में स्थित एक रेलवे
स्टेशन की कहानी। जी हां, अगर आपसे कहा जाएगा कि 1 रुपए से आप क्या-क्या कर
सकते हैं, तो आपको यह बेहद भद्दा मजाक लगेगा लेकिन क्या आपको पता है कि एक
रुपए से ही नागपुर रेलवे स्टेशन बनाने के लिए जमीन का सौदा किया गया था।
आप शायद यकीन ना करें लेकिन यह सच है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दरअसल, यह बात आजादी से पहले की हैं। जब खैरागढ़ के राजा ने इस जमीन का
सौदा अंग्रेजों के हाथ सिर्फ एक रुपए में ही कर दिया था और बाद में यहां पर
नागपुर रेलवे स्टेशन बना था।
नागपुर रेलवे स्टेशन की स्थापना आज से लगभग
93 साल पहले 15 जनवरी 1925 में की गई थी। इस रेलवे स्टेशन की स्थापना
तत्कालीन गवर्नर सर फ्रैंक ने कराई थी। नागपुर का रेलवे स्टेशन भी आम नहीं
है, इसके निर्माण के लिए खास बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था।
जिन्हें सावनेर से लाया गया था।
ये भी पढ़ें - रोंगटे खडे कर देगा ये वीडियो, कमजोर दिलवाले ना देखें
इस रेलवे स्टेशन पर आपको 8 प्लेटफॉर्म दिख जाएंगे। इस स्टेशन को भारत के सबसे व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों में से एक माना जाता है। वर्तमान समय में यहां से रोजाना लगभग 92 सवारी गाड़ी और लगभग 200 मालगाड़ी गुजरती हैं और 22 ट्रेनें तो यहां से बनकर चलती हैं।
ये भी पढ़ें - इस रेस्त्रां में इंसान नहीं,भूत परोसते हैं खाना
अगर आज के समय में आपसे कहा जाए कि नागपुर रेलवे स्टेशन की कीमत क्या होगी
तो शायद आप संख्या के पीछे जीरो लगाते समय कनफ्यूज हो जाएं। लेकिन यह
ताज्जुब की ही बात है कि करोड़ों लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए
ट्रेनें मुहैया कराने वाला नागपुर स्टेशन मात्र एक रुपए में खरीदी गई जमीन
पर बना हुआ है।
ये भी पढ़ें - कोहिनूर का दूसरा पहलु! एक रहस्य