जयपुर। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने गुरुवार को शासन सचिवालय में सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम की 33वीं राज्यस्तरीय स्क्रीनिंग समिति की बैठक ली। उन्होंने बैठक में संबंधित विभागों को इस कार्यक्रम से जुड़े सभी कार्यों को समय पर पूरा करने करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा की। इसके साथ ही राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा कौशल विकास केन्द्रों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की एवं इसमें आ रही कठिनाइयों के निराकरण के लिए चर्चा की। गुप्ता ने निर्देश दिए कि कार्यों को अधूरा न छोड़ा जाए और उसे इसी वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाए। जिन जिलों में यह कार्यक्रम चल रहा है, उन जिलों के जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए कि 31 मई तक कार्यपूर्णता प्रमाणपत्र भिजवाएं। विशेष तौर पर स्मार्ट विलेज के समस्त कार्य पूर्ण कर यूसी अगस्त तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने श्रीगंगानगर और जैसलमेर जिले के अधिकारियों को तृतीय पक्ष निरीक्षण रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
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मुख्य सचिव ने रमसा कार्यक्रम के तहत चलाए जा रहे यूथ एक्सचेंज
कार्यक्रम की सराहना की और इस कार्यक्रम को विद्यार्थियों के लिए लाभदायक
बताया। बैठक में संबंधित जिलों के लिए आवंटित राशि एवं प्रेषित कार्ययोजना
में प्रस्तावित कार्यों की संख्या पर विस्तार से चर्चा हुई।
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प्रमुख
शासन सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग राजेश्वर सिंह ने बताया
कि सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम का उद्देश्य अन्तरराष्ट्रीय सीमा के
पास स्थित दूरवर्ती एवं अगम्य क्षेत्रों में रह रहे लोगों की विशिष्ट
विकासात्मक जरूरतों को पूरा करना है।
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यह योजना भारत सरकार द्वारा स्पोंसर्ड
है, जिसमें 60 प्रतिशत केंद्रियांश और 40 प्रतिशत राज्यांश है। बैठक में
सीमान्त क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ
अधिकारी उपस्थित थे।
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