लिव इन रिलेशनशिप में जाने से पहले आप ये जान लें कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार अगर आप लंबे समय से लिव इन रिलेशनशिप में हैं तो आप कानून की नजर में शादीशुदा मानें जाते हैं। इसी के चलते हर महिला को इसके अंतरगत सारी सुरक्षा और अधिकार भी मिलते हैं।
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शारीरिक संबंधों की भी सीमा तय हो, यह कोई पति पत्नी का मामला नहीं कि महिला साथी की इच्छा न होने पर भी उसे साथ देना पडे। यदि संबंधों के चलते महिला गर्भवती हो जाए और वह संतान का जन्म देना चाहे तो वे इस की हकदार हो। परिवार वालों तथा मित्रों को इस रिश्ते की पूरी जानकारी हो।
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दोनों को एक दूसरे की दिनचर्या जानने का अधिकार हो, साथ ही एकदूसरे का मोबाइल नंबर देखने की पार्टनर को इजाजत हो।
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इस बात को लेकर स्पष्ट रहे कि शारीरिक संबंध होने के बावजूद दोनों के बीच न कोई सामाजिक रिश्ता है, न भावनात्मक।
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जब दो
लोगों ने
एक साथ
रहने की
ठान ली
है तो
कोई जरूरी नहीं कि
सामाजिक दूस्तूरों की परवाह की ही
जाए, हां जब
तक निभाए, कभी कुछ भी
करें, लेकिन एक दूसरे का सम्मान करना न
भूलें।
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