करोड़ों के गेहूं घोटाले की आरोपी IAS निर्मला मीणा ने एसीबी में सरेंडर किया

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 16 मई 2018, 4:35 PM (IST)

जोधपुर। करोड़ों के गेहूं घोटाले की आरोपी निलंबित IAS निर्मला मीणा ने एसीबी में सरेंडर कर दिया है। सुप्रीमकोर्ट से अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद मीणा के बचने के सभी रास्ते बंद हो गए थे। आखिरकार उसे सरेंडर करना पड़ा।

करीब 35 हजार क्विंटल गेहूं के घोटाले में फंसी तत्कालीन रसद अधिकारी निर्मला मीणा ने एसीबी की गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत हासिल करने का प्रयास किया, लेकिन दोनों कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद से उनके समक्ष सरेंडर करने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं बचा था।

चेहरा ढंक कर पहुंची एसीबी कार्यालय…

दोपहर वे कपड़े से पूरी तरह अपना चेहरा ढंक कर सरेंडर करने एसीबी कार्यालय पहुंच गई। एसीबी ने उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की है। उन्हें आज शाम तक कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। इससे पूर्व 17 अप्रेल को राजस्थाई हाईकोर्ट भी उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर चुका था।

ऐसे किया घोटाला

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तत्कालीन डीएसओ निर्मला मीणा पर आरोप है कि उनके कार्यकाल में लगभग पैंतीस हजार क्विंटल गेहूं गलत तरीके से वितरित किया गया था। एसीबी ने अपनी जांच में पाया था कि तत्कालीन डीएसओ मीणा ने सिर्फ मार्च 2016 में तैंतीस हजार परिवार नये जोड़े और उच्चाधिकारियों को स्वयं की ओर से प्रेषित रिपोर्ट में अंकित कर 35 हजार 20 क्विंटल गेहूं अतिरिक्त मंगवा लिया था। नये परिवारों को ऑनलाइन नहीं किया गया। फिर मीणा ने आठ करोड़ रुपए का अतिरिक्त गेहूं का आवंटन करवा लिया। ठेकेदार सुरेश उपाध्याय व स्वरूपसिंह राजपुरोहित की आटा मिल भिजवा दिया था। करोड़ों रुपए का गबन की जांच के बाद राज्य सरकार ने आईएएस अधिकारी निर्मला मीणा को निलम्बित कर दिया था। बाद में आटा मील मालिक स्वरूपसिंह राजपुरोहित ने भी पूछताछ में कबूल किया था कि उसने 105 ट्रक में दस हजार पांच सौ 500 क्विंटल गेहूं काला बाजार में बेचा है।

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