बेंगलुरु। चुनाव के नतीजों को देखते हुए कांग्रेस का कहना है कि वह कर्नाटक में
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता में आने से रोकने के लिए जनता
दल-सेक्युलर (जेडी-एस) का समर्थन करेगी। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों में
भाजपा को 104 सीटें मिलती दिखाई गई है, जो बहुमत से आठ सीटें कम होंगी। कोई
भी पार्टी भाजपा को समर्थन करती दिखाई नहीं दे रही। कांग्रेस को 77 सीट
मिलती दिख रही है जबिक जेडी-एस 38 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। निर्दलीय और
छोटी पार्टियों को तीन सीटें मिलती दिख रही हैं।
जैसे ही यह स्पष्ट
हुआ कि भाजपा को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा, कांग्रेस नेताओं ने गठबंधन के
लिए जेडी-एस संरक्षक व पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवगौड़ा और उनके बेटे व
पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी से संपर्क किया। कांग्रेस महासचिव
गुलाम नबी आजाद ने सिद्धारमैया के साथ मीडिया को बताया कि जेडी-एस ने
कांग्रेस के सहयोग देने की पेशकश को स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने
कहा, "हम राज्यपाल से मिलेंगे और सरकार बनाने का दावा पेश केरेंगे। हमारे
आंकड़े मिलकर भाजपा की संख्या से अधिक होंगे।" सूत्रों ने बताया कि
कांग्रेस के साथ गठबंधन पर मुख्यमंत्री का पद जेडीएस के खाते में जाएगा।
भाजपा के प्रवक्ता एस.शांताराम ने आईएएनएस को बताया, "हम जीत को लेकर
आश्वस्त हैं।" बेंगलुरू और नई दिल्ली में भी भाजपा के नेताओं ने भी यही सुर
दोहराया।
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भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी.एस.येदियुरप्पा शिकारीपुरा सीट से
जीत गए हैं। वह मंगलवार देर शाम भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलेंगे। इससे
पहले भाजपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बेंगलुरू और नई दिल्ली में जश्न
मनाया और इस दौरान पार्टी के झंडे लहराए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
समर्थन में नारेबाजी की।
राज्य के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता
डी.के.शिवकुमार ने मतगणना के दौरान अपनी हार स्वीकार कर ली। भाजपा नेता और
केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि किसी भी गठबंधन का कोई सवाल ही
नहीं उठता। कर्नाटक में भाजपा की जीत की उम्मीदों से शेयर बाजार में भी
दोपहर के कारोबार में मजबूती देखने को मिली।
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