नक्सलियों का दोहरा चरित्र, गरीबों के पैसों से जी रहे आलीशान जिंदगी

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 08 मई 2018, 9:25 PM (IST)

नई दिल्ली। नक्सल आंदोलन और गरीबों के हक के लिए लडऩे के नाम पर निर्दोष युवकों को गुमराह करने वाले नक्सल नेता खुद आलीशान जीवन बिताते हैं। न सिर्फ बड़े शहरों में बड़ा घर रखते हैं बल्कि महंगी गाडिय़ों पर चलते हैं और अपने बच्चों को महंगे डोनेशन वाले कॉलेजों में पढ़ाते हैं। नक्सल नेताओं के इस दोहरे चरित्र का खुलासा हुआ है जांच एजेंसियों की ओर से किए गए जांच में। जांच में पता चला है कि दर्जनों नेताओं ने अरबों रुपये की संपत्ति नक्सल लड़ाई में उगाही के रास्ते बनाई। ये अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए युवाओं को अपने साथ जोडऩे में लगे हैं।
सूत्रों से पता चला है कि नक्सल आंदोलन के नाम पर इन नेताओं ने पैसे जुटाए और उसका उपयोग अपने हितों के लिए किया। इस जांच में पता चला कि नक्सल नेता प्रद्युम्न शर्मा ने अपने भतीजे का प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में ऐडमिशन के लिए 32 लाख रुपये दिए। वहीं एक दूसरे नक्सल नेता संदीप यादव ने 15 लाख रुपये दिए।
इन्होंने इतने ही पैसे नोटबंदी में भी बदले थे। संदीप यादव के बेटे और बेटी प्राइवेट मेडिकल और इंजिनयरिंग कॉलेज में पढ़ते हैं।
ऐसे ही एक अन्य नक्सल कमांडर अरविन्द यादव ने अपने भाई का ऐसे ही कालेज में 22 लाख देकर ऐडमिशन कराया। जबकि इन तीनों पर अपनी यूनिट में युवाओं की भर्ती कराने का दायित्व था और सैकड़ों युवाओं को पढ़ाई छुड़वाकर हिंसा की आग में जोड़ दिया।
ईडी की जांच के अनुसार मगध जोन के स्पेशल कमांडर प्रद्युम्न शर्मा 2010 से 2016 के बीच 31 लाख रुपये की जमीन खरीदी, जबकि पैतृक जमीन पर 35 लाख रुपये का मकान बनवाया।

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