नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण ‘कुछ कारणों से' उस तरह से नहीं किया गया, जैसा स्वतंत्रता के बाद किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अब उनकी सरकार इस दिशा में काम कर रही है और एक बौद्ध सर्किट विकसित कर रही है।
मोदी ने बुद्ध जयंती समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि वर्षों की दासता के बाद ऐसे बहुत कारण हैं, जिनकी वजह से हम अपनी सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित नहीं कर सके। इस बात को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार हमारी सांस्कृतिक विरासत और भगवान बुद्ध से जुड़े संस्मरणों के पुनर्जीवन और संरक्षण संबंधी काम कर रही है। मोदी ने घोषणा की कि सरकार ने बौद्ध सर्किट के निर्माण और उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश व गुजरात में बौद्ध स्थलों के निर्माण के लिए 360 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि मंजूर की है।
उन्होंने कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि 2500 वर्ष बाद भी भगवान बुद्ध की
शिक्षाएं हमारे बीच हैं। निश्चित तौर पर हमारे पहले जो लोग थे, इसमें उनकी
बड़ी भूमिका रही है। यह हमसे पहले वाली पीढ़ियों का योगदान था कि आज हम
बुद्ध पूर्णिमा पर इस तरह के कार्यक्रम कर पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बुद्ध के जीवनदर्शन का अनुसरण कर रही है, जो कहता है कि दूसरे के दुखों पर दुखी होने के बजाय, उसके दुखों को समाप्त करने के लिए उसे सशक्त बनाने के लिए लड़ो। मोदी ने कई योजनाओं के नाम गिनाते हुए कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि सरकार करुणा और सेवा के उसी रास्ते पर आगे बढ़ रही है, जो रास्ता हमें भगवान बुद्ध ने दिखाया था।
-आईएएनएस
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