रेप मामले में फैसला आने से पहले जेल में यूं गुजरी आसाराम की रात

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 25 अप्रैल 2018, 10:31 AM (IST)

जोधपुर। नाबालिग से रेप मामले में जोधपुर कोर्ट का फैसला आने से पहले जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम की रात बेहद की बेचैनी में गुजरी। जोधपुर सेंट्रल जेल में कैद यह कथावाचक बीती रात सो न सका। उसने खाना भी नहीं खाया। उसका खाना आश्रम से आता है, जिसे उसने खाने से इन्कार कर दिया। वह अपनी बैरक में यहां-वहां टहलता रहा। कुछ देर सुरक्षाकर्मियों से बात की। हालांकि, जब जिलाधिकारी ने आसाराम से पूछा कि उनका फैसले के बारे में क्या अनुमान है तो स्वयंभू बाबा ने कहा, होई है वही जो राम रचि राखा। अर्थात जैसा भगवान राम फैसला करेंगे, वैसा होगा।

बुधवार को फैसला आने से पहले आसाराम सुबह जल्दी उठ गए। डीआईजी जेल विक्रम सिंह ने बताया, आसाराम न तो आशावादी नजर आ रहे थे और न ही निराश। वह हमेशा की तरह सुबह उठे और कुछ भजन गाए। जेल के अंदर वार्ड नंबर 2 में कुछ देर प्रार्थना की। आसाराम ने नाश्ता किया और सो गए। दोपहर में जब मैं आसाराम से मिला तो उन्होंने बुधवार सुबह फैसले के लिए तैयार होने का समय पूछा। आसाराम ने सिंह से पूछा, जेलर साहब सब तैयारी हो गई है? जेल अधिकारियों के मुताबिक आसाराम और सह अभियुक्त प्रकाश को एक ही वार्ड में रखा गया है और वह पवित्र धार्मिक किताबों को पढऩे में अपना समय बिता रहे हैं।

डीआईजी बताते हैं कि वर्ष 2015 में जब उन्होंने यहां प्रभार संभाला था तब से लेकर अब तक आसाराम का कई तरह का व्यवहार सामने आया है। उन्होंने कहा, कई बार वह जेल के सुरक्षाकर्मियों पर चिल्लाने लगते हैं और कई बार उनके सुख-दुख के बारे में पूछते हैं। वह एक व्यहारिक व्यक्ति हैं जो यह जानता है कि वह जेल में है। डीआईजी ने बताया कि आसाराम ने पिछले 5 साल में कभी भी अंग्रेजी दवाएं नहीं खाईं। स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी परेशानी होने पर आसाराम केवल आयुर्वेदिक दवाएं ही खाते हैं। आसाराम को सुरक्षा कारणों से कभी भी किसी अन्य कैदी से नहीं मिलने दिया गया। उन्हें अलग रखा गया है ताकि किसी भी प्रकार के संघर्ष से बचा जा सके।


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