नई दिल्ली। विपक्षी दलों की ओर से प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को सौंपे जाने के बाद, अब सभापति इसे स्वीकार करने या खारिज करने से पहले कानूनी राय ले रहे है। सभापति वेंकैया नायडू आज इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करने वाले है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज सुदर्शन रेड्डी से भी नायडू राय ले सकते है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाने के साथ ही कांग्रेस और आक्रामक हो गई है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू अपनी चार दिन की छुट्टी रद्द करते हुए दिल्ली पहुंच गए हैं। रविवार को वेंकैया नायडू ने महाभियोग के नोटिस पर विचार विमर्श शुरू किया है। नायडू ने रविवार को लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पी के मल्होत्रा, पूर्व विधायी सचिव संजय सिंह और राज्यसभा सचिवालय के अधिकारियों से विचार विमर्श किया।
उधर, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अगर राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने महाभियोग के नोटिस को नामंजूर किया तो फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। ऐसे में कांग्रेस ने उनके फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने का भी विकल्प खुला रखा है।
कपिल सिब्बल ने किया ये ऐलान
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इधर, कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट में अरसे से प्रैक्टिस कर रहे कपिल
सिब्बल ने ऐलान कर दिया है कि अगर जस्टिस दीपक मिश्रा रिटायरमेंट तक पद पर
बने रहते हैं तो वे उनकी कोर्ट में पेश नहीं होंगे। कपिल सिब्बल ने कहा है
कि वे सोमवार से सीजेआई दीपक मिश्रा की कोर्ट में नहीं जाएंगे। इंडियन
एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि अब जब तक चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया
रिटायर नहीं हो जाते, वे तब तक उनकी कोर्ट में नहीं उपस्थित होंगे। सिब्बल
ने अपने फैसले को पेशेगत मूल्यों के अनुरूप बताया है। सिब्बल ने कहा कि
मेरे साथ 63 अन्य लोगों ने भी जस्टिस दीपक मिश्रा को हटाने की मांग की है.
अब मैं सोमवार से सीजेआई की अदालत में नहीं जाऊंगा।
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