अर्थ-डे स्पेशल : पर्यावरण के लिए सबसे बडी समस्या हैं ये...

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 22 अप्रैल 2018, 3:03 PM (IST)

नई दिल्ली। एक ऐसा दिन है जब हम उस जगह के बारे में विचार करते हैं जहां पूरी मानव सभ्यता पले बढें हैं। पूरी दुनिया आज विश्व पृथ्वी दिवस माना रही है। गूगल का डूडल भी विश्व पृथ्वी दिवस को समर्पित है। बगैर पर्यावरण के हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। यही कारण है कि हम पर्यावरण संरक्षण और पृथ्वी को बचाने के लिए हर साल 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाते हैं और इसके संरक्षण के लिए संकल्प लेते हैं।
1970 में एक पर्यावरण आंदोलन से हुई शुरूआत...
हर साल 22 अप्रैल को यह दिन मनाया जाता है। जिसकी स्थापना अमेरिका की ओर से की गई थी। विश्व पृथ्वी दिवस पहले पूरी दुनिया में साल में दो बार मनाया जाता था। साल 1970 में एक पर्यावरण आंदोलन के रूप में इसकी शुरुआत हुई थी और शायद आप ये बात नहीं जानते होंगे कि पहले विश्व पृथ्वी दिवस साल में दो बार मनाया जाता था। पृथ्वी दिवस की शुरुआत अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन की ओर से 1970 में की पर्यावरण शिक्षा के रूप में की गई थी।

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साल में दो बार मनाया जाता है दिवस...
इस दिन को पूरी दुनिया में पहले दो बार मनाया जाता था। एक बार 21 मार्च को और दूसरी बार 22 अप्रैल को लेकिन इन दोनों दिनों के महत्व में थोडा फर्क है। 21 मार्च को मनाए जाने वाले विश्व पृथ्वी दिवस को संयुक्त राष्ट्र का समर्थन मिला हुआ है। इस दिन का महत्व वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों के लिहाज से अधिक है। जबकि 22 अप्रैल का दिन जन सरोकार से जुडा हुआ है।
लोगों को जागरूक करने की कोशिश...
इस दिन लोगों को जागरुक करने की कोशिश की जाती है कि वह धरती और पर्यावरण के संरक्षण में सहयोग करें। इस अभियान का प्रभाव शुरुआत में सीमित था लेकिन साल 2000 में इंटरनेट के आने के बाद इसका प्रभाव ग्लोबल हो गया। इस दिन का उद्देश्य आम लोगाों को जागरुक कर पॉलीथीन और अन्य तरह के कूडा न फैलाने के लिए जागरुक करना है।

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प्रदूषण और प्लास्टिक सबसे बडी समस्या...
बता दें कि पॉलीथीन से पृथ्वी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है। रोज समंदर में लगभग 6 अरब किलो कूडा पहुंचता है और एक अनुमान के मुताबिक साल 2050 तक समुद्र में मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक हो जाएगी। इसके अलावा प्रति 2 सेकेंड में लगभग फुटबॉल के मैदान के बराबर जंगल कट रहे हैं।

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