दो देशों के बीच खुलता हैं यह दरवाजा, जानिए क्या हैं मामला

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 22 अप्रैल 2018, 1:21 PM (IST)

एम्सटर्डम। आपको एक देश से दूसरे देश जाने के लिए वीजा, पासपोर्ट जैसी कई औपचारिकता करनी पडती हैं लेकिन दुनिया में कई ऐसी जगहें हैं जहां जाकर आप हैरान रह जाएंगे। नीदरलैंड्स का एक गांव दुनिया के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं हैं। बार्ले-नस्सो नाम का यह गांव बेल्जियम के बॉर्डर के बीचों-बीच है। यही हाल बेल्जियम के बार्ले-हटरेग गांव का है, जिसका करीब 5 किमी का हिस्सा नीदरलैंड्स के अंदर है। इन गांवों के कई घर और दुकानों के बीचों-बीच से बॉर्डर निकलता है।

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निकाला हल और खींच दी सफेद पट्टी...
दरअसल, 1831 में बेल्जियम और नीदरलैंड्स दो स्वतंत्र राष्ट्र बने। इसी दौरान दोनों देशों के बीच बॉर्डर बनाया गया। नीदरलैंड्स के लिए यह बॉर्डर पोस्ट 214 तो बेल्जियम के लिए 215 है। लेकिन, नीदरलैंड्स का बार्ले नस्सो और बेल्जियम का बार्ले-हटरेग ऐसी जगह स्थित थे, जिन्हें अलग-अलग करना मुश्किल था। इस मुश्किल के समाधान के लिए काफी प्रयास किए गए।
बाद में दोनों देशों की सरकारों ने आम सहमति से इन दोनों गांवों के बीच सफेद पट्टी खींचकर बॉर्डर चिह्नित किया। ऐसे में इन दोनों गांवों के लोगों को एक-दूसरे के देश में जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं पडती।

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घर के बॉर्डर पर लगीं दो डोर बेल...
यहां पर एक घर चर्चा का कारण बना हुआ है। इस घर के दो पते है। यह घर बॉर्डर पर बना हुआ है। इसलिए यह टूरिस्टों का आकर्षण बन गया है। खास बात यह है कि इस घर में दो डोर बेल भी लगी हुई हैं। एक बेल्जियम की बॉर्डर पर तो दूसरी नीदरलैंड्स की। गलत घंटी आपको दूसरे देश में पहुंचा सकती है।

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