सांसद की पहल पर निर्धन गर्भवती महिलाओं को मिलेगा पौष्टिक आहार

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 21 अप्रैल 2018, 4:50 PM (IST)

कोटा। कुपोषण के कारण अब गरीब तबके की गर्भवती मां व गर्भस्थ शिशु के जीवन को खतरा नहीं होगा। ऐसी महिलाओं के लिए कोटा बूंदी सांसद ओम बिरला ने विशेष पहल की है, जिसमें उन्हें गर्भवास्था के दौरान व प्रसव के बाद कुल 8 माह ( 7 माह गर्भावस्था एवं 1 माह डिलेवरी के बाद) तक पौष्टिक भोजन, के साथ आवश्यक दवाएं व सप्लीमेंट्स निशुल्क मुहैया करवाए जाएंगे। गर्भावस्था के दौरान महिला चिकित्सक महिला व गर्भस्थ शिशु को तो ख्याल रखेंगी ही प्रसव के बाद शिशु को गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण भी करवाया जाएगा। अभियान की तैयारियों को लेकर शनिवार को कोटा बूंदी सांसद ओम बिरला ने सूचना एवं जनसम्पर्क भवन के सभागार में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ रमाकांत लवानिया, जिला शिशु, प्रजनन अधिकारी डाॅ महेन्द्र त्रिपाठी एवं नर्सिग स्टूडेट, आशा सहयोगिनीयों के साथ तैयारी बैठक कर रूपरेखा तय कि गई।

सांसद बिरला ने कहा कि देश में अब विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। लेकिन कुपोषण के कारण गर्भवती महिलाओं व गर्भस्थ शिशुओं की मृत्यु की घटनाएं अब भी सामने आती हैं। कमजोर तबके, कच्ची बस्ती की महिलाएं एवं रोजगार के लिए श्रमिक के तौर पर काम करने वाली महिलाओं में कुपोषण की समस्या अधिक रहती है। यदि गर्भावस्था के दौरान मां को पोषण नहीं मिलेगा तो गर्भस्थ शिशु को भी खतरा रहता है। यह स्थिति उत्पन्न नहीं हो तथा गर्भवती महिला एवं गर्भस्थ शिशु को पर्याप्त पोषण मिले, इसके लिए यह योजना प्रारंभ की जा रही है।

बिरला ने योजना के तहत शहर की कच्ची बस्तियों में आशा सहयोगिनियों के माध्यम सर्वे करवाकर एक हजार ऐसी महिलाओं को चिन्हित किया जाएगा जो गर्भवती है लेकिन निर्धनता के कारण पौष्टिक भोजन से वंचित हैं। इन महिलाओं को गर्भावस्था के दूसरे माह से पौष्टिक भोजन के साथ आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जाएंगी। महिला चिकित्सक इन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान स्वयं व गर्भस्थ शिशु का ध्यान रखने के तरीके भी बताएंगी। प्रसव के एक माह बाद तक पौष्टिक भोजन और आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराने का यह क्रम जारी रहेगा ताकि जच्चा-बच्चा स्वस्थ रहें। इसके बाद जनसहयोग से एक या दो गर्भवती माताओं को पालक के माध्यम से पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवा कर कोटा बूंदी क्षेत्र को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा मेें कार्य करेंगे।

बैठक को संबोधित करते हुऐ डाॅ अमिता बिरला ने कहा कि सरकारी स्तर पर योजनाऐं सचालित है लेकिन फिर भी कई महिलाओं का इनका लाभ नही मिल पाता है जिससे कमजोर बच्चे पैदा हो रहे है। अभियान के तहत मिलकर प्रयास करेगें की कोई भी जरूरतमंद पात्र व्यक्ति नही छूटे व अधिकतम महिलाओं केा इसका लाभ मिले। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ रमाकांत लवानिया ने कहा कि गर्भवती महिला खुद के साथ बच्चे का पोषण करती है ऐसे में गर्भावस्था मे उसे पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है इसके नही मिलने पर बच्चे के स्वास्थ्य पर असर पडता है। जिला शिशु, प्रजनन अधिकारी डाॅ महेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिऐ योजनाऐ संचालित कि जा रही है ऐसे में अभियान के माध्यम से प्रसूताओं को पौष्टिक भोजन मिलना समाज के लाभकारी साबित होगा।

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