आपस में मिलते हैं दो महासागर-पानी नहीं होता मिक्स, यह है कारण

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 21 अप्रैल 2018, 2:24 PM (IST)

प्रकृति की गोद में ना जाने कितने राज छुपे हुए है जिनके बारे में आज तक पता नहीं लगाया जा सका है। इन रहस्यों को देखने के बाद कोई इन्हें कुदरत का करिश्मा कहता है वहीं विज्ञान अपने तर्क के आधार पर ऐसा होना बताती है। ऐसी ही एक जानकारी आज हम आपको बताने जा रहे है जो आपको हैरान कर देगी। वैसे तो आपने एक नदी का दूसरी नदी के साथ मिलना सुना और देखा भी होगा। लेकिन क्या आपने कभी किसी समुद्र को आपस में मिलते हुए कहीं देखा है। अब सोचिये की अगर एक विशाल समुद्र, किसी दूसरे विशाल समुद्र से मिलते होंगे, तो नजारा क्या होता होगा। लेकिन सचमुच एक ऐसी जगह है जहां दो विशाल समुद्र आपस में मिलते है।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हिन्द महासागर और प्रशांत महासागर अलास्का की खाडी में मिलते हैं, लेकिन इनका पानी आपस में नहीं मिलता।
इस जगह आप दोनों समुद्रों के पानी में अंतर साफ देख सकते है। दिलचस्प बात यह है कि दो रंगों का पानी एक जगह आने के बावजूद मिक्स नहीं होता और अपना अलग-अलग रंग बनाए रखता है। ग्लेशियर से निकलने वाले पानी का रंग नीला और महासागरों से आने वाला पानी गहरा नीला होता है। इसलिए ये अंतर आसानी से देखा जा सकता है।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

वैज्ञानिकों का रिसर्च...
इन दोनों महासागरों पर हुई कई बार की रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने बोला है कि इनके पानी के आपस में मिक्स न होने के पीछे का कारण खारे और मीठे पानी का घनत्व, टंपरेचर, और लवणता है। इसके अलावा ये भी माना जाता है कि ग्लेशियर से बने सागर का पानी मीठा और समुद्र का पानी खारा होता है। और जब ये दोनों महासागर मिलते हैं तो इस अंतर के कारण झाग की एक दीवार बन जाती है। और अलग-अलग घनत्व के कारण ये दोनों सागरों का पानी आपस में मिल नहीं पाता। वहीं कुछ लोगों का मानना ये भी है कि जब विभिन्न घनत्व वाले पानी में सूर्य की किरणें पडती हैं तो पानी का रंग बदलता है। इस वजह से दोनों सागरों के मिलने पर अलग-अलग रंग दिखाई देते हैं, जिसकी वजह से ऐसा लगता है कि दोनों का पानी आपस में मिक्स नहीं हो रहा है।

ये भी पढ़ें - इस पुल पर गाडी चलाने के लिए चाहिए दम

ये भी माना जाता है कि इस घटना का संबंध पानी के वर्टिकल स्तरीकरण से होता है।
कुछ लोग इसे चमत्कार तो कुछ इसे धार्मिक मान्यताओं से जोड कर भी देखते हैं। वैसे ऐसा नहीं है कि महासागरों का पानी कहीं न कहीं आपस में मिलता ही न हो।

ये भी पढ़ें - अनोखी जानकारी, जो शायद ही जानते होंगे आप