जयपुर। सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने गुरुवार को बताया कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की बजट घोषणा के पालन में प्रदेश के सहकारी बैंकों से जुड़े अल्पकालीन फसली ऋण लेने वाले 28 लाख से अधिक किसानों के 50 हजार रुपए तक के ऋण की माफी योजना लागू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि सहकारी बैंकों द्वारा कैम्प आयोजित कर ऋण माफी प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे।
लघु एवं सीमांत किसानों का 50 हजार तक का कर्जा माफ
किलक ने बताया कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के किसानों के हित में ऐतिहासिक एवं साहसिक निर्णय से प्रदेश के इतिहास में पहली बार बड़ी मात्रा में किसानों की कर्ज माफी हो रही है। योजना में सहकारी बैंकों के लघु एवं सीमांत कृषकों की 30 सितम्बर, 2017 को अवधिपार ऋण पर समस्त शास्तियां एवं ब्याज माफ किए गए हैं तथा लघु एवं सीमांत कृषकों के 30 सितम्बर, 2017 तक बकाया अल्पकालीन फसली ऋण में से 50 हजार रुपए तक के कर्जे एकबारीय माफ किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि सहकारी बैंकों के अल्पकालीन फसली ऋण से जुड़े सीमांत कृषक 1 हैक्टेयर, लघु कृषक 1 हैक्टेयर से अधिक परंतु 2 हैक्टयर तक एवं अन्य किसान 2 हैक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करने वाले योजना में पात्र माने गए हैं। इनमें खेती करने वाले भूमि मालिक के साथ-साथ भाड़े या बंटाई पर काश्त करने वाले किसान भी शामिल हैं।
अन्य किसानों का 50 हजार तक का कर्जा अनुपात में माफ
उन्होंने बताया कि लघु एवं सीमांत किसानों के अलावा अन्य किसानों के भी 30 सितम्बर, 2017 को बकाया अल्पकालीन फसली ऋण लघु काश्तकारों की जोत के अनुपात में 50 हजार रुपए तक के कर्जे माफ किए हैं। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक से जुड़े संबंधित किसानों को दिया गया है।
किसानों को मिलेंगे ऋण माफी के प्रमाण पत्र
किलक ने बताया कि ऋण माफी वाले वाले संबंधित किसान को उसके नाम से ऋण माफी प्रमाण पत्र जारी होंगे। ऋण माफी प्रमाण पत्र के आधार पर किसान पुनः साख सीमा प्राप्त करने का हकदार होगा। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही ऋण माफी के कैम्प आयोजित किए जाएंगे और इसकी कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
कृषकों की जारी होगी सूची
उन्होंने बताया कि ऋण माफी वाले लघु, सीमान्त एवं अन्य कृषकों की सूची प्रकाशित की जाएगी। किसान ई-मित्र केन्द्र पर रुपे कार्ड आधारकार्ड भामाशाह नंबर के आधार पर अपनी ऋण एवं ऋण माफी राशि का सत्यापन कर सकेगा। उन्होंने बताया कि बैंकों द्वारा तैयार की गई सूचियों में किसी प्रकार की त्रुटि न रहे, इसके लिए इनका जिला स्तरीय कमेटी द्वारा परीक्षण किया जाएगा।
परिवेदना कमेटी सुनेगी किसानों की परिवेदना
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किलक ने बताया कि किसानों की ऋण माफी के विवरण की सत्यता एवं विश्वसनीयता
को सुनिश्चित करने के लिए जिला कलेक्टर या उसके द्वारा मनोनीत प्रतिनिधि की
अध्यक्षता में एक परिवेदना कमेटी का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि
कोई भी किसान ऋण माफी के लिए तैयार की गई सूची में नाम नहीं होने, उसके
पक्ष में मंजूर की गई ऋण माफी की गणना से असंतुष्ट होने पर किसान संबंधित
बैंक की शाखा के माध्यम से अपनी परिवेदना प्रस्तुत कर सकेगा। उन्होंने
बताया कि परिवेदना कमेटी परिवेदना का निपटारा 30 दिवस की अवधि में करेगी।
राज्य स्तरीय अनुप्रवर्तन समिति करेगी योजना क्रियान्वयन
सहकारिता
मंत्री ने बताया कि योजना के क्रियान्वयन के अनुप्रवर्तन के लिए अतिरिक्त
मुख्य सचिव (वित्त) की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय समिति होगी। इनमें अतिरिक्त
मुख्य सचिव (राजस्व), प्रमुख शासन सचिव (सहकारिता), प्रमुख शासन सचिव
(आयोजना/आई.टी.), रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, मुख्य अंकेक्षक सहकारी
समितियां, प्रबंध निदेशक अपेक्स बैंक, प्रबंध निदेशक एसएलडीबी समिति के
सदस्य एवं अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) सहकारी समितियां सदस्य सचिव
होंगे।
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