इनेलो-बसपा का गठबंधन बेमेल शादी की तरह-सुभाष बराला

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 18 अप्रैल 2018, 7:58 PM (IST)

चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि इनेलो-बसपा का गठबंधन अक्षय तृतीय के शुभ दिन पर भी बेमेल शादी की तरह है। उन्होंने कहा कि इनेलो 1998 के लोकसभा चुनाव मतदान के दिन ही बसपा से गठबंधनतोडकर यह साबित कर चुकी है कि वे मन से कभी एक नहीं हो सकते। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि एक समय था, जब स्वर्गीय चौधरी देवीलाल तीसरे मोर्चे की धुरी होते थे, लेकिन आज उनके वारिसों ने इनेलो को रसातल में पहुंचा कर ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं कि उन्हें बसपा अध्यक्षा की अगुवाई में अपनी पार्टी को जिंदा रखने की कोशिश करनी पड रही है।

आज यहां इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला द्वारा बसपा नेताओं की मौजूदगी में एक बार फिर से गठबंधन किए जाने के विषय मेंप्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि अक्षय तृतीया को शुभ दिन मानकर निर्णय लिए जाते हैं, लेकिन दो पार्टियां जिनकीराजनीतिक इच्छाशक्ति खत्म हो चुकी है और अपना वजूद बचाए रखने के लिए एक-दूसरे का सहारा बनने की कोशिश कर रहे हैं।

बराला ने कहा कि इनेलो ने वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन करते हुए नारा दिया था कि रख करपत्थर छाती पर, मोहर लगाओ हाथी पर। एक ओर तो चुनाव के लिए मतदान हुआ और उसी शाम इनेलो ने बसपा के साथ गठबंधनतोड़ने का ऐलान कर दिया था। आज फिर से बसपा के साथ गठबंधन करके इनेलो ने केवल अपने कार्यकर्ताओं को छिटकने से रोकने का प्रयास भर किया है। उन्होंने कहा कि एक समय था, जब चौधरी देवीलाल तीसरे मोर्चे की अगुवाई करते थे, लेकिन अब उनके वारिस अपने कुकृत्यों की वजह से इनेलो को संगठनात्मक तरीके से रसातल में पहुंचा चुके हैं और बसपा अध्यक्षा मायावती केनेतृत्व में आगे बढने के मंसूबे पाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से भाजपा के नेतृत्व में बदलाव का दौर शुरू हुआ था, जोलगातार जारी है। इस बदलाव में बडे़-बडे़ राजनीतिक दल हाशिए पर जा रहे हैं। अपने अस्तित्व को बचाने के लिए अब तक जितने भीगठबंधन हुए हैं, वह फेल रहे हैं और भविष्य में भी फेल होंगे। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन राजनीतिक सौदेबाजी का उदाहरण है,जिससे जनता को कोई फायदा नहीं होने वाला है।

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