प्रदेश के स्कूलों में पहली कक्षा से स्पोर्ट्स पीरियड शुरू करने को सैद्धांतिक सहमति

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 17 अप्रैल 2018, 7:15 PM (IST)

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहली कक्षा से सरकारी स्कूलों में खेल पीरियड शुरू करने के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है। इसी दौरान उन्होंने पुराने खिलाडिय़ों (वेटरन खिलाडिय़ों) के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने के लिए रूप -रेखा तैयार करने के लिए खेल विभाग को निर्देश दिए हैं।

खेल विभाग के कामकाज का जायज़ा लेते हुए मुख्यमंत्री ने ओलम्पिक, राष्ट्रमंडल, एशियाई आदि अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय खेल मुकाबलों में पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को न$कद ईनाम के मौजूदा ढांचे पर अधिकारियों को फिर से विचार करने के लिए कहा है जिससे खिलाडिय़ों के मनोबल को बढ़ावा दिया जा सके।

वर्तमान समय में 5वीं कक्षा से शुरू किये जाने वाले खेल पीरियड की जगह पहली कक्षा से खेल पीरियड शुरू करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटी उम्र में ही खिलाडिय़ों की पहचान करना बहुत ही ज़्यादा महत्वपूर्ण है। स्कूलों, कालेजों और यूनिवर्सिटियों को अपनी संस्थाओं में खेल को बढ़ावा देने की कोशिशें पूरी सक्रियता से करनी चाहीए। उन्होंने कहा कि विभिन्न खेलों में उभर रहे खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने के लिए खेल विभाग को विश्व स्तरीय प्रशिक्षकों की सेवाऐं लेनी चाहीए। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाकी, फ़ुटबाल, बास्केटबाल, वालीबॉल, बैडमिंटन, एथलैटिक्स और तैराकी के लिए सूबे के उत्तम बुनियादी ढांचों का प्रयोग करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए।

अपने खेल जीवन के दौरान सूबे के लिए नाम और सम्मान कमाने वाले पुराने खिलाडिय़ों के प्रति सरकार की जि़म्मेदारी का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने इन खिलाडिय़ों को वित्तीय सहायता देने के लिए एक स्कीम तैयार करने के लिए खेल विभाग को कहा है। बहुत से पुराने खिलाडिय़ों की स्वास्थ्य समस्याएं और बुढ़ापे के कारण उनको पेश स्वास्थ्य मुश्किलों का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने इनके लिए स्वास्थ्य बीमा स्कीम के लिए रूप -रेखा तैयार करने के लिए खेल सचिव को कहा है। जिससे इन पुराने खिलाडिय़ों के स्वास्थ्य संभाल को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने ने खिलाडिय़ों की मौजूदा पैंशनों में वृद्धि का भी सुझाव दिया।

मीटिंग के दौरान खेल विभाग द्वारा की जा रही गतिविधियों और प्राप्तियों संबंधी खेल सचिव ने विस्तृत प्रस्तुति पेश की और मुख्यमंत्री ने बताया कि विभाग जल्द ही पटियाला में अति-आधुनिक खेल यूनिवर्सिटी स्थापित करने के लिए व्यापक योजना तैयार करके लायेगा जिसकी वर्ष 2018-19 के बजट में स्वीकृति दी गई है। सूबे में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए खेल सचिव ने सभी सार्वजनिक सैक्टर अंडरटेकिंग/बोर्डों /निगमों को विशेष खेलों में नौजवानों को आकर्षित करने के लिए हिदायतें देने के लिए मुख्यमंत्री के सहयोग की माँग की है।

खेल सचिव ने खेल को बड़े स्तर पर बढ़ावा देने के लिए जिला ओलम्पिक एसोसिएशन के अध्यक्षों की भूमिका निभा रहे डिप्टी कमीश्नरों को इस कार्य में शामिल करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने श्री मुक्तसर साहिब के डिप्टी कमिश्नर की भी मिसाल दी जिन्होंनेे हाल ही में नौजवानों में खेल भावना पैदा करने के लिए गिद्ड़बाहा में ‘मैराथन 2018’ आयोजित कराई।
खेल सचिव ने ‘खेलो पंजाब अभियान’ के द्वारा नौजवानों में खेल को प्रचारित करने के लिए बड़े स्तर पर मीडिया मुहिम शुरू करने का भी प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने हरियाणा के मॉडल का जि़क्र करते हुए पंजाब में योगा को बढ़ावा देने में सरकारी पहलकदमियों का भी न्योता दिया।
बाद में मुख्यमंत्री ने पंजाब स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोटर््स की गवर्निंंग कौंसिल के चेयरमैन होने के नाते कुछ संशोधनों और सिफारिशों के साथ कौंसिल की तीसरी मीटिंग के एजंडे को भी स्वीकृति दे दी।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, अतिरिक्त मुख्य सचिव उच्च शिक्षा एस के संधू, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री तेजवीर सिंह, डीजीपी प्रशासन एम के तिवाड़ी, प्रमुख सचिव वित्त अनिरुध तिवाड़ी, प्रमुख सचिव कल्याण आर वैंकटारतनम, सचिव खेल जे एल बालामुरगम, सचिव शिक्षा कृष्ण कुमार, डायरैक्टर खेल-कम-डायरैक्टर जनरल पंजाब स्टेट इंस्टीट्यूट आफ स्पोर्टस अमृत कौर गिल, सचिव पर्सोनल ए एस मिगलानी, डीपीआई कालेज हरजीत सिंह और डीपीआई स्कूल परमजीत सिंह उपस्थित थे।

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