जम्मू-कश्मीर से बाहर हो कठुआ केस का ट्रायल, सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 16 अप्रैल 2018, 11:50 AM (IST)

जम्मू। कठुआ गैंगरेप मामले में पीडि़त परिवार ने केस को जम्मू-कश्मीर से दूसरे राज्य में ट्रांसकर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट आज दोपहर बाद इस याचिका पर सुनवाई करेगा। पीडि़त परिवार इस मामले की सुनवाई चंडीगढ़ ट्रांसफर करवाना चाहता है। वहीं, कठुआ स्थित जिला कोर्ट में सोमवार को इस मामले की सुनवाई हुई। कठुआ मामले के सभी साल आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ले जाते समय मुख्य आरोपी सांझी राम ने कहा, ऊपर वाला सब कुछ देख रहा है। नार्को टेस्ट के बाद सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा।

इस मामले में सुनवाई कर रही जिला अदालत ने सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी देने का आदेश दिया है। अब मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी। पीडि़त पक्ष की महिला वकील दीपिका राजावत ने कहा कि इस केस में सियासी दखलंदाजी हो सकती है। हालिया दिनों में आरोपियों के पक्ष में प्रदर्शन से भी वह बेहद चिंतित हैं। इसलिए इस मामले की सुनवाई किसी दूसरे राज्य में होनी चाहिए। राजावत ने बताया, आरोपियों को बचाने वाले मुझे लगातार धमकियां दे रहे हैं। मुझे नहीं पता कि मैं कब तक जिंदा रहूंगी। मेरा रेप किया जा सकता है।

हत्या तक हो सकती है। मैं सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को बताने जा रही हूं कि मैं खतरे में हूं। दीपिका सिंह राजावत के अलावा आदिवासी कार्यकर्ता तालिब हुसैन ने भी कहा है, हमें आशंका है कि जम्मू-कश्मीर में कठुआ रेप मामले की सही से जांच नहीं होगी। जम्मू की हालत को देखिए। कठुआ में तो वकीलों ने चार्जशीट तक फाइल नहीं होने दी थी। तालिब हुसैन पीडि़ता के इंसाफ के लिए दिल्ली सहित कुछ इलाकों में कैंपेन कर रहे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कई वरिष्ठ वकीलों से इस बारे में बातचीत भी की है। इधर, कठुआ में इस मामले की चार्जशीट दाखिल करते समय पीडि़त पक्ष से वकीलों की धक्का-मुक्की की जांच के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पांच सदस्यों की टीम बनाई है। जो भी वकील दोषी पाया जाएगा, उसका लाइसेंस जिंदगीभर के लिए रद्द किया जा सकता है।



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